सर्वेश्वरी जगदीश्वरी,हे मातु रूप माहेश्वरी
हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्षभर में दो बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। चैत्र मास की नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि और शरद ऋतु में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। दोनों ही नवरात्रि में दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है।
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⭐लिरिक्स⭐
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी -२
ममतामयी करुणामयी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी -२
१। जगजीवनी संजीवनी -२,समस्त जीवनेश्वरी -२
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
ममतामयी करुणामयी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
२। कृपालिनी जगतारिणी -२, प्रतिपल भुवन हृदयेश्वरी-२
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
ममतामयी करुणामयी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
३। तमहारिणी शुभकारिणी -२ , मनमोहिनी विश्वेश्वरि -२
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
ममतामयी करुणामयी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी -२,हे मातु रूप माहेश्वरी ।
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⭐ LYRICS ⭐
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