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खरबूजा के फायदे और नुकसान | Muskmelon (Kharbuja) Benefits and Side Effects in Hindi :-
जैसे ही गर्मियों के मौसम की बात आती है वैसे ही हमारे दिमाग़ में अनेक रसीले फलों की तस्वीर आने लगती है। ऐसा ही एक फल है खरबूजा। जो अपनी पौष्टिकता की वजह से आम लोगों की ज़िन्दगी में एक गहरा महत्व रखता है ।खरबूजे का वैज्ञानिक नाम कुकुमिस मेलो है। खरबूजा क्युकरबिटेसियाए परिवार से संबंधित है जिसमें फल और सब्जी जैसे कद्दू, ककड़ी, लौकी आदि शामिल हैं।यह फल हल्का मीठा और पानी के स्वाद वाला होता है। यह फल हल्के पीले रंग से लेकर नारंगी रंग में होता है।इसका पौधा अन्य तरबूजों की ही तरह लताओं से भरा होता है। इस फल की आकृति गोल या आयताकार होती है।।खरबूजा कच्चा होने पर हरे रंग का होता है और उस पर काली व कत्थई पटि्टयां होती हैं। पकने पर खरबूजा हरा व कुछ पीला हो जाता है और इसके ऊपर वाली पटि्टयां सफेद हो जाती हैं। खरबूजा अन्दर से लाल होता है और इसमें छोटे-छोटे सफ़ेद बीज होते हैं।। इसके छिलके हटा देने पर पकी हुई अवस्था में अन्दर मांसल हिस्सा रस से भरा और मीठी सुगंध लिए होता है।ये मुख्यतः अप्रैल से अगस्त के महीने में फलता है। ये अपनी उत्पति स्थल पर निर्भर करते हुए कई प्रकार का होता है। खरबूजे की खेती बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब व राजस्थान में अधिक होती है। उत्तरी अमेरीका में ऐसे रेतेकुल्स कहते हैं। वहाँ पैदा होने वाले खरबूज का छिलका जालीनुमा होता है। इस तरह के खरबूजे में फल का मांसल हिस्सा हलके हरे रंग का होता है। इसी तरह अन्य यूरोपीय जगहों पर कई अलग अलग रूप में खरबूज सामने आता है।खरबूजा गर्मियों में पानी से भरपूर फलों में से एक है। स्वादिष्ट और हाइड्रेटिंग होने के अलावा, खरबूजे विटामिन ए, विटामिन बी 6 के साथ-साथ आहार फाइबर और फोलिक एसिड जैसे खनिजों का भी एक समृद्ध स्रोत हैं।खरबूजा प्राथमिक रूप से ग्रीष्मकालीन फल होता है।
खरबूज में पाए जाने वाले पोषक तत्व | Muskmelon nutritional value :-
इसके पाए जाने वाले पोषक तत्व नीचे दिया जा रहा है. प्रत्येक 100 ग्राम खरबूजे में
तत्त्व
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मात्रा
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ऊर्जा | 34 किलो कैलोरी |
कार्बोहायड्रेट | 8.6 ग्राम |
प्रोटीन | 0.84 ग्राम |
फैट | 0.19 ग्राम |
कोलेस्ट्रोल | 0 मिलीग्राम |
डाइटरी फाइबर | 0.9 ग्राम |
कैल्शियम | 9 मिलीग्राम |
कॉपर | 41 माइक्रो ग्राम |
मैग्नीशियम | 12 मिली ग्राम |
जिंक | 0.18 मिलीग्राम |
विभिन्न भाषाओं में खरबूजे के नाम :-
हिन्दी | खरबूजा। |
अंग्रेजी | मेलन। |
संस्कृत | दशांगुल, खर्बूज। |
बंगाली | खरबूजा। |
मराठी | खर्बुज। |
गुजराती | खरबूज। |
तैलगी | खरबूजं। |
फारसी | खरपुजा। |
अरबी | वित्तिखा। |
खरबूज और उसके फायदे | Muskmelon benefits in hindi :-
इसके सेवन के कई लाभ हैं, जिन्हें एक एक करके नीचे दर्शाया गया है :-
- रोग प्रतिरोधक क्षमता :- नियमित रूप से खरबूजा खाने पर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। कई तरह के मौसमी बीमारियों से लड़ने में इसमें प्राप्त पौष्टिक पदार्थ सहायक होते हैं। इसमें विटामिन सी और विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये एक बहुत ही उम्दा क़िस्म का ‘एंटी ओक्सीडेंट’ है। इसके साथ विटामिन सी कई ऐसे कीटाणुओं से रक्षा करता है, जिसका असर हमारी चमड़ी में होता है।
- कैंसर से बचाव :- कैंसर यानि कर्क रोग कई प्राणघातक रोगों में से एक है। इस फल में पाए जाने वाले बीटा- कैरटिन और विटामिन सी शरीर में पाए जाने वाले कई घातक कणों (रेडिकल्स) को शरीर से बाहर करने में मदद करता है। ये घातक कण शरीर में रह कर कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं और कैंसर जैसे घातक रोग को जन्म देते है।
- कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ :- ह्रदय सम्बन्धी रोगों को दूर रखने में ये बहुत सहायक है। इसके सेवन से कई तरह की ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। खरबूजे में पोटैशियम बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। ये मिनरल हाइपर टेंशन को भी कम करने में सहायता करता है। तनाव कम रहने से रक्तचाप सामान्य और ह्रदय स्वस्थ रहता है। पोटैशियम का होना शरीर में सोडियम के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में सहायता करता है। इसमें एडेनोसिन नामक तत्त्व पाया जाता है। ये तत्त्व रक्त के गाढ़े-पन को कम करता है। इस तरह ये तत्त्व ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायक है। इससे प्राप्त विटामिन सी धमनियों को कड़े होने से बचाता है, जिससे रक्त का बहाव सामान्य रहता है और हार्टअटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है।
- आँख के लिए :- इस फल में पाए जाने बीटा- कैरटिन शरीर के अन्दर विटामिन ए का रूप ले लेते है। बीटा- कैरटिन स्वयं भी आँख की रौशनी के लिए बहुत अहम् भूमिका अदा करता है। विटामिन ए मोतियाबिंद जैसे घातक रोगों से लड़ने के लिए बहुत आवश्यक तत्त्व है। ऐसा देखा गया है कि नियमित रूप से खरबूजा खाने वाले मनुष्य की आँख में मोतियाबिंद होने का खतरा लगभग चालीस प्रतिशत तक कम हो जाता है।
- तनाव से मुक्ति :- रोजमर्रा की ज़िन्दगी में दौड़- भाग एक बहुत ही आम घटना बन गयी है। कई तरह की चिंताएं मनुष्य को तनाव में डाल देती है। इस फल में पाया जाने वाला पोटैशियम ह्रदय स्पंदन को सामान्य बनाए रखता है। ये मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचाने में सहायता करता है जिससे मनुष्य स्वयं को तनाव मुक्त महसूस करता है। इसमें कई तरह के सुपरऑक्साइड पाए जाते हैं, जो रक्तचाप को सामान्य रखते हुए तंत्रिका तंत्र को आराम पहुंचाते हैं। ये कोशिकीय मृत्यु को रोकने में अति सहायक है।
- इनसोम्निया का उपचार :- इनसोम्निया में रोगी को कमजोरी की शिकायत होती है, हमेशा नींद आती रहती है। जीवन में ताज़गी का अनुभव नहीं हो पाता। खरबूज इसके उपचार में बहुत सहायक है। इस फल में रेचक तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके नित्य सेवन से अनिद्रा और थकान का उपचार होते देखा गया है।
- मोटापा कम करने में सहायक :- ये फल मोटापा घटाने में सहायक है। इसमें कैलोरी बहुत कम मात्रा में पाई जाती है, जबकि फाइबर अधिक मात्रा में होता हैं। इस फल को खाने से पेट एक लम्बे समय तक भरा हुआ महसूस होता है, यानि पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इससे आवश्यकता से अधिक खाने की आदत से बचा जा सकता है, जो मोटापे के लिए जिम्मेवार होती है। दरअसल फाइबर वाले खाने अक्सर भारी और स्थूल होते हैं। ये पेट में अधिक जगह लेते हैं। इस वजह से समय समय पर खाने की आदत लग जाती है और इसका असर मोटापे पर दिखने लगता है।
- किडनी सम्बन्धी लाभ :- डायबेटिक नेफ्रोपाठ्य एक तरह की किडनी की बीमारी है, जिसमे किडनी संलग्न कोशिकाएं बहुत खातारनाक तरीक़े से नष्ट हो जाती है। खरबूजा में ओक्सीकीन नामक तत्त्व पाया जाता है। ये तत्व इस रोग से लड़ने में सहायता करता है। इसमें ग्लाईसमिक स्तर बहुत कम होता है, इसका मतलब ये है कि इसमें फ्रुक्टोस और ग्लूकोस भी पाए जाते हैं। ये किसी सुगर के मरीज़ को क्षति नहीं पहुंचाता है।
- फेफड़े सम्बन्धी लाभ :- नियमित रूप से इस फल के सेवन से शरीर में विटामिन ए की भरपाई बहुत आसानी से होती है। अक्सर धुम्रपान से या प्रदुषण से हमारे शरीर में विटामिन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इस फल के नियमित सेवन से फेफड़ा स्वस्थ रहता है। धूम्रपान करने वालों के लिए ये बहुत ही लाभदायक है।
- मासिक धर्म सम्बन्धी रोगों का निदान :- मासिक धर्म का समय किसी भी औरत के लिए बहुत ही कष्ट प्रद होता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन सी मासिक चक्र के नियमन और समय होने वाले दर्द से राहत देता है। मासिक चक्र के समय इसके सेवन से रक्त- स्त्राव सामान्य रहता है।। इसके साथ यह कई मासिक धर्म सम्बन्धी रोगों का निदान करता है। कभी कभी इसका प्रयोग मासिक चक्र शुरू करने के लिए भी होता है।
- धुम्रपान से छुटकारा :- ये फल उन लोगों के लिए बहुत कारगर साबित होता है, जो अपने धुम्रपान को लेकर परेशान हैं। इसकी वजह ये है कि इसमें पाए जाने वाले तत्व निकोटिन छोड़ने के साथ होती परेशानियों को दूर करने की क्षमता रखता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले तत्व धुम्रपान द्वारा नष्ट हुए विटामिन ए की भरपाई बहुत अच्छे से कर सकते हैं।
- गर्भावस्था में लाभ :- फोलिक अम्ल उन औरतों के लिए बहुत ज़रूरी है, जो गर्भधारण करने की इच्छुक हैं या गर्भधारण कर चुकी हैं। इस फल में उच्च स्तर पर पाए जाने वाले ‘फोलेट’ नयी कोशिकाओं के जन्म और उनके पोषण के लिए अतिसहायक हैं। साथ ही इसके सेवन से ‘न्यूट्रल ट्यूब डिसऑर्डर’ जैसी परेशानियों से राहत मिलती है। खरबूज गर्भवती के शरीर में पानी भी जमने से बचाता है।
- खरबूजे के बीज से लाभ :- खरबूजे के बीज को ग्रहण करने से कई मौसमी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। अपच, सर्दी, बुखार, जुकाम आदि रोगो का इसके बीज के सेवन से बहुत जल्द इलाज हो जाता है।
- खरबूज के छिलके से लाभ / दांत दर्द से राहत :- इस फल का छिलका भी बहुत कारगर साबित होता है। दांत दर्द में ये बहुत काम आता है। एक बार में लगभग छः ग्राम इस फल के छिलके को पानी के साथ उबालिए, ठन्डे हो जाने पर इसे दांत में जिस जगह दर्द है वहाँ लगाइए, इससे बहुत राहत मिलती है।
- खरबूजे के पौधे की जड़ से लाभ :- खरबूजे के पौधे की जड़ एक तरह की चाय बनाने के काम आती है, ये चाय एक प्रमुख मूत्रवर्धक के रूप में काम आती है और उल्टियों में भी बहुत लाभकारी होती है।
- आर्थराइटिस का निवारण :- नियमित रूप से अपने खाने में रोज़ खरबूजे की कुछ मात्रा लेने पर आर्थराइटिस से आराम मिल सकता है। इस फल में एक तरह का ‘एंटीइंफ्लेमेटरी’ गुण पाया जाता है। ये जोड़ों और हड्डियों में ओक्सीडेटिव दबाव को कम करता है। जिससे आर्थराइटिस से राहत मिलती है।
- पाचनशक्ति में वृद्धि :- ये मनुष्य के पेट को ठंडा रखने में मदद करता है। ये आँतों की क्रियाशीलता का नियमन करता है। ये आँतों को साफ़ रखता है जिससे भोज्य पदार्थों को बहुत आसानी से पेट में स्त्रावित करने में मदद करता है। इससे कोलोरेटल कैंसर से बचाव होता है।
- त्वचा सम्बन्धी लाभ :- ये त्वचा के लिए बहुत ही ज़रूरी तत्वों को मुहैया कराता है। इसमें पाये जाने वाले विटामिन के और विटामिन ई त्वचा को स्वस्थ और चमकदार रखने में बहुत मदद करते है। इसमें जल की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो त्वचा को अन्दर और बाहर दोनों तरफ से हाइड्रेटेड रखती है। इसमें विटामिन बी, कोलिन और बीटाइन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा की मरम्मत के लिए बहुत आवश्यक तत्व है। विटामिन ए त्वचा के बनने में बहुत मददगार साबित होता है और दूसरी तरफ विटामिन सी कोलंज (एक प्रकार का उत्तक) के निर्माण और मरम्मत के लिए बहुत लाभकारी होता है।
- इसकी सहायता से नियमित रूप से इस्तेमाल होने वाला फेसपैक बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले फल के मांसल हिस्से के साथ ओटमील और दही मिलाकर एक मोटा पेस्ट बनाया जाता है। इस पेस्ट को चेहरे और गले में लगाकर कुछ देर छोड़ दीजिये। कुछ देर बार पेस्ट को हलके हाथों से छुड़ा कर निकाल लीजिये। चेहरा हलके गुनगुने पानी से धो लीजिये चेहरा चमक उठेगा। सप्ताह में तीन बार इसके इस्तमाल से चेहरा निखर जाता है।
- एंटी एजिंग इफ़ेक्ट :- इसके इस्तेमाल से त्वचा जवान लगती है और उम्र का असर चमड़े पर बहुत कम हो जाता है। खरबूजे में पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है। इसके साथ ही कोशिका की पुनरुत्पत्ति में यह बहुत सहायक है। शरीर में रहने वाले कई घटक कणों को शरीर से बाहर करने में ये बहुत मदद करते है। इससे त्वचा का सौंदर्य नष्ट होने से बचता है, इस तरह त्वचा पर झुर्रियां नहीं आती हैं ।
- एक्जिमा का निदान :- खरबूजे के रस से एक तरह का लोशन बनाया जाता है जो एक्जिमा में काफ़ी प्रभावशाली होता है। त्वचा का रूखापन, खरोंच आदि का निवारण बहुत आसानी से हो जाता है।
- बाल गिरने का समस्या :- बाल गिरने की समस्या में भी इसका प्रयोग होता है। इस फल में इनोसिटोल नाम एक तत्व पाया जाता है, जो विटामिन बी का ही एक रूप है। ये कई साइट्रस फलों में पाया जाता है। इसके सेवन से बाल गिरने की समस्या से निदान पाया जा सकता है और बाल घने होते जाते है। इसे सीधे बालों पर भी लगाया जा सकता है। एक कप खरबूजे का मांसल क्षेत्र लेकर उसे अच्छे से पानी में घोल कर बालों में लगाने से इसका फायदा मिलता है। इन सबके अतिरिक्त खरबूजे की सहायता से कई बहुत ही स्वादिष्ट डिश तैयार किये जा सकते हैं जैसे आइस पोप्स और जूस। अपने डाइट चार्ट में इसके जूस को शामिल किया जा सकता है।
खरबूजे के बीज के फायदे | Benefits of Muskmelon seeds :-
गर्मियों के दिनों में खरबूजे खूब खाए जाते हैं। खरबूजा खाते समय उसके बीजों को प्रायः फेंक दिया जाता है। यदि उसके बीजों का सलीके से इस्तेमाल हो तो उससे कई फायदे हो सकते हैं। खरबूजे के बीज के उपकारी गुण नीचे दिए जा रहे हैं।
- प्रोटीन की पूर्ती :- खरबूजे के बीज में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में उपस्थित रहती है। कभी कभी सिर्फ दूध से बनी चीज़ों की सहायता से प्रोटीन की भरपाई करनी मुश्किल हो जाती है। किसी शुगर के मरीज़ को एक सीमा से अधिक डेयरी प्रोडक्ट्स नहीं दिए जा सकते। इन लोगों के खाने में इसके बीज के इस्तेमाल से इनकी प्रोटीन की पूर्ति हो सकती है। इस फल के बीज में 3।6 प्रतिशत प्रोटीन, 4 प्रतिशत फैट, 2।5 प्रतिशत कार्बोहायड्रेट मौजूद होता है।
- विटामिन और मिनरल :- इस फल के बीज में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन इ मौजूद होता है। ये सभी विटामिन आँखों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इनसे आँखों में मोतियाबिंद होने का खतरा कम हो जाता है। इस बीज में होने वाले एंटी ओक्सीडेंट शरीर में कोलेस्ट्राल की सीमा नियंत्रित रखते हैं, और साथ ही कैंसर होने के खतरे को कम करता है। इस फल का बीज सर्दी, फ्लू आदि में भी कारगर सिद्ध होता है और मनुष्य के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
- कार्डियोवैस्कुलर रोग का निदान :- इसमें ओमेगा- 3 फैटी अम्ल पाया जाता है, जो मनुष्य की शरीर में कार्डियोवैस्कुलर प्रक्रियाओं का ध्यान रखता है और इसके विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है।
- बाल और नाख़ून के लिए लाभदायक :- ये उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है, जिनके बाल आये दिन झड़ते रहते हैं। इसका सेवन बाल बढ़ने में सहायता करता है और बाल को काला और घना भी रखता है। इसके अलावा नाखूनों को मजबूत बनाए रखने में और बढ़ने में सहायता करता है।
- आँतो के लिए लाभदायक :- कई अध्ययनों से पता चला है कि खरबूजे के बीज के सेवन से आँतें स्वस्थ रहती है। ये आँत में होने वाले हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर पेट रोगमुक्त रखता है।
- वजन कम करने में सहायक :- इस फल के बीज में फैट बहुत कम होता है और उसकी जगह पर फाइबर तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस वजह से ये वजन कम करने में सहायक होता है।
खरबूजे के नुकसान | Muskmelon Side Effect / Kharbuje ke Nuksan in Hindi:-
- इस फल की सबसे ख़ास बात ये है कि इसका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता। कुल मिलाकर यह एक अति उपयोगी फल है। इस फल के बीज के कोई ख़ास साइड इफेक्ट्स नहीं देखे जाते है, लेकिन इसके लिए कुछ सावधानियां बरतने की जरुरत है, जैसे गर्भावस्था, स्तनपान और अन्य स्वास्थ्य की किसी भी गंभीर स्तिथि में यह फल अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए।
- इसे उपयोग में लाने से पहले अच्छी तरह से धो लेना चाहिए, क्योकि इससे कुछ संक्रमण और पाचन समस्या हो सकती है।
- खरबूजा खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। पानी पीने से हैजा होने की आशंका रहती है।
- सुबह खाली पेट खरबूजे का सेवन नहीं करना चाहिए। खाली पेट खरबूजा खाने से पेट में पित्त विकारों की उत्पत्ति हो सकती है।
- गर्म प्रकृति वालो को खरबूजे के अधिक सेवन से सूजन हो सकती है।
- अधिक खांसी और जुकाम से पीड़ित रहने वालों को खरबूजे का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
इस तरह ये फल कई तरह से लाभदायक साबित होता है। ये कोई महंगा फल भी नहीं है। इसे कम क़ीमत पर एक अच्छे सेहत के लिए खाया जा सकता है। गर्मियों में इस फल को खाने से शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रहती है, जिससे शरीर के तापमान में बदलाव नहीं आता और तापमान नियंत्रित रहता है। देश के उन जगहों पर जहां पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं उपलब्ध हो पाता, इसके सेवन से उन जगहों के लोगों के शरीर में जल की पूर्ति होती है। कई तरह से फायदेमंद खरबूज का पौधा अपने आँगन में भी लगाया जा सकता है। इसके पौधे में लताएँ होती है, जो जगह की आवश्यकता होने पर हटाई जा सकती है। मौसम पर आधारित इस फल का पौधा बहुत कम जगहों में भी फल सकता है बशर्ते कि मिटटी की उर्वरक क्षमता अधिक होनी चाहिए। गर्मी के दिनों में दोपहर को खाना खाने के बाद इसका सेवन थोडा सा भी ज़रूर करना चाहिए।
Very useful article.
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