[ads id="ads1"]
भारत का राष्ट्रीय फल आम | National fruit of India Mango details in Hindi:-
आम, नाम सुनकर ही मुँह में पानी आ जाता है। बच्चे हो या बड़े, आम सबको बहुत पसन्द आता है। गर्मियों में पाया जाने वाला यह फल हम सब के मन को खूब भाता है। आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ हमारी सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक होता है, इसमें भर पुर मात्रा में मिनरल्स, विटामिन और एंटीओक्सिडेंट पाए जाते है जो हमें स्वास्थ्य रखने में सहायक होते है, आम के इन्हीं गुणों के कारण इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है।आम का पेड़ बड़ा और फैला हुआ रहता है। इसकी ऊंचाई 30 फुट से लेकर 90 फुट तक हो सकती है। इसकी पत्तियां नुकीली और लम्बी होती है। आम मूलतः एक मीठा फल होता है। यह गर्मियों में ज्यादा पाया जाता है। बिहार के दरभंगा में मुग़ल बादशाह अकबर द्वारा एक बागीचा लगवाया गया जिसमें एक लाख तक आम के पेड़ उन्होंने लगवाए, इसलिए उस बाग का नाम लखी बाग प्रचलित हो गया है। भारत में आम की पैदावार होने के साथ ही ये और भी देशों में उपजाये जाते है। यह ब्राजील, मैक्सिको, सोमालिया इत्यादि देशों में भी पाया जाता है।
आम का इतिहास | History of Mango:-
आम का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। डी कैडल (सन् 1844) के अनुसार आम्र प्रजाति (मैंजीफ़ेरा जीनस) संभवत: बर्मा, स्याम तथा मलाया में उत्पन्न हुई; परंतु भारत का आम, मैंजीफ़ेरा इंडिका, जो यहाँ, बर्मा और पाकिस्तान में जगह जगह स्वयं (जंगली अवस्था में) होता है, बर्मा-आसाम अथवा आसाम में ही पहले पहल उत्पन्न हुआ होगा। भारत के बाहर लोगों का ध्यान आम की ओर सर्वप्रथम संभवत: बुद्धकालीन प्रसिद्ध यात्री, हुयेनत्सांग (632-45,) ने आकर्षित किया।
फ़्रायर (सन् 1673) ने आम को आडू और खूबानी से भी रुचिकर कहा है और हैमिल्टन (सन् 1727) ने गोवा के आमों को बड़े, स्वादिष्ट तथा संसार के फलों में सबसे उत्तम और उपयोगी बताया है। भारत के निवासियों में अति प्राचीन काल से आम के उपवन लगाने का प्रेम है। यहाँ की उद्यानी कृषि में काम आनेवाली भूमि का 70 प्रतिशत भाग आम के उपवन लगाने के काम आता है। स्पष्ट है कि भारतवासियों के जीवन और अर्थव्यवस्था का आम से घनिष्ठ संबंध है। इसके अनेक नाम जैसे सौरभ, रसाल, चुवत, टपका, सहकार, आम, पिकवल्लभ आदि भी इसकी लोकप्रियता के प्रमाण हैं। इसे "कल्पवृक्ष" अर्थात् मनोवाछिंत फल देनेवाला भी कहते हैं शतपथ ब्राह्मण (शतपथ ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद का ब्राह्मणग्रन्थ है। ब्राह्मण ग्रन्थों में इसे सर्वाधिक प्रमाणिक माना जाता है। इसे याज्ञवल्क्य ने लिखा है | )में आम की चर्चा इसकी वैदिक कालीन तथा अमरकोश में इसकी प्रशंसा इसकी बुद्धकालीन महत्ता के प्रमाण हैं। मुगल सम्राट् अकबर ने "लालबाग" नामक एक लाख पेड़ों वाला उद्यान दरभंगा के समीप लगवाया था, जिससे आम की उस समय की लोकप्रियता स्पष्ट हैं। भारतवर्ष में आम से संबंधित अनेक लोकगीत, आख्यायिकाएँ आदि प्रचलित हैं और हमारी रीति, व्यवहार, हवन, यज्ञ, पूजा, कथा, त्योहार तथा सभी मंगलकायाँ में आम की लकड़ी, पत्ती, फूल अथवा एक न एक भाग प्राय: काम आता है। आम के बौर की उपमा वसंतद्तसे तथा मंजरी की मन्मथतीर से कवियों ने दी है। उपयोगिता की दृष्टि से आम भारत का ही नहीं वरन् समस्त उष्ण कटिबंध के फलों का राजा है और बहुत तरह से उपयोग होता है। कच्चे फल से चटनी, खटाई, अचार, मुरब्बा आदि बनाते हैं। पके फल अत्यंत स्वादिष्ट होते हैं और इन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं। ये पाचक, रेचक और बलप्रद होते हैं।
[ads id="ads2"]
[ads id="ads2"]
कालिदास ने इसका गुणगान किया है, सिकंदर ने इसे सराहा और मुग़ल सम्राट अकबर ने दरभंगा में इसके एक लाख पौधे लगाए। उस बाग़ को आज भी लाखी बाग़ के नाम से जाना जाता है। वेदों में आम को विलास का प्रतीक कहा गया है। कविताओं में इसका ज़िक्र हुआ और कलाकारों ने इसे अपने कैनवास पर उतारा। भारत में गर्मियों के आरंभ से ही आम पकने का इंतज़ार होने लगता है। आँकड़ों के मुताबिक इस समय भारत में प्रतिवर्ष एक करोड़ टन आम पैदा होता है जो दुनिया के कुल उत्पादन का 52 प्रतिशत है। आम भारत का राष्ट्रीय फल भी है। अन्तर्राष्ट्रीय आम महोत्सव, दिल्ली में इसकी अनेक प्रजातियों को देखा जा सकता है।भारतीय प्रायद्वीप में आम की कृषि हजारों वर्षों से हो रही है।यह 4-5 ईसा पूर्व पूर्वी एशिया में पहुँचा। 10 वीं शताब्दी तक यह पूर्वी अफ्रीका पहुँच चुका था।उसके बाद आम ब्राजील, वेस्ट इंडीज और मैक्सिको पहुँचा क्योंकि वहाँ की जलवायु में यह अच्छी तरह उग सकता था। १४वीं शताब्दी में मुस्लिम यात्री इब्नबतूता ने इसकी सोमालिया में मिलने की पुष्टि की है।तमिलनाडु के कृष्णगिरि के आम बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं और दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
आम के फल की प्रजातियाँ / आम के प्रकार ।Types of Mango :-
दुनिया में आम की लगभग चार सौ प्रजातियाँ पाई जाती है। यह नारंगी, लाल, और हरे रंगों में पाया जाता है। इसको कच्चे और मीठे दोनों रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। आम हर मौसम में पाए जाते है। ये वार्षिक रूप, मध्य वार्षिक रूप और वर्ष के अंत में भी पाया जाता है। हर मौसम में ये विभन्न नामों से जाने जाते है। सीजन वर्ष में बम्बइया, मालदा, लंगड़ा, राजापुरी, सुंदरी नामों से जाना जाता है। अर्धवार्षिक सीजन में इन्हें अलफोंसो, दशहरी, जार्दालू, गुलाब खास, रूमानी नाम से बुलाया जाता है, तथा मौसम की समाप्ति पर फजली नाम से बुलाया जाता है। मौसम बदलने के साथ ही इनके स्वाद में भी हल्का सा परिवर्तन आने लगता है, जितना ये साल के सीजन में मिठास लिये रहते है उतना ही और भी सीजन में अपने स्वाद की वजह से इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
आम के फल के फ़ायदे | Mango fruit benefits :-
आम को खाने के बहुत सारे फ़ायदे है. जोकि इस प्रकार हैं –
1. आम स्वास्थ्य के लिए लाभकारी (Mango fruit benefits for health):-
- आम में विटामिन ए और विटामिन सी प्रचूर मात्रा में पाए जाते है इसमें बहुत सारे फाइबर भी मिलते हैं । इसलिए आम खाना सेहत के लिए लाभदायक होता है।
- आम को खाने से खून की कमी से भी बचा जा सकता है। इसमें साईट्रिक एसिड भी पाया जाता है जिस वजह से यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक होता है। अगर हर दिन एक आम को खाया जाए तो यह कब्ज और पाइल्स जैसी बिमारियों को रोकने में भी मदद करता है।
- खाद्य विज्ञान और खाद्य सुरक्षा के व्यापक समीक्षा के अध्ययन और रिसर्च में यह बात सामने आई है कि आम में मौजूद फाईबर रोगों से लड़ने वाली प्रतिरोधी क्षमता का भी विकास करती है जो हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने में सहायक होती है। यह कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचाता हैं।
- इसके सेवन से ह्रृदय की स्थिति को भी ठीक रखने के साथ किडनी की बिमारियों को भी दूर रखने की क्षमता होती है। आम में ग्लुटामिन नामक एसिड पाया जाता है जो याद करने की क्षमता को भी बढ़ता है। आम में विटामिन ए, बी, के, इ के अलावा मैग्नेशियम भी मिलता है। आम को खाने से शरीर में रोगों से लड़ने वाले शक्ति विकसित होती है।
2. आम त्वचा के लिए लाभदायक (Mango fruit benefits for skin):-
- आम त्वचा के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। इसको खाने के साथ साथ लगाने से भी फ़ायदा होता है।
- यह त्वचा पर लगाने से त्वचा के बंद रोमछिद्रों को भी खोल देता है जिस वजह से त्वचा साफ़ होकर चमकने लगती है।
- आम के सेवन से भूख भी बढती है, और आम के लगातार सेवन से त्वचा का रंग भी साफ़ होते जाता है।
- इससे त्वचा मुलायम भी बनती है, और त्वचा पर उम्र का असर कम दिखता है।
- आम से घर पर एक बहुत बढ़िया स्क्रब बनाया जा सकता है। इसको बनाने के लिए थोडा सा आम के पल्प को थोड़ी सी चीनी और चार चम्मच दूध के साथ मिला कर अपनी त्वचा पर इसका लेप लगाये, फिर दस मिनट बाद त्वचा को ठंडे पानी से धो ले। थोड़े ही समय में इसका असर त्वचा पर दिखने लगता है। त्वचा मुलायम और चमकदार दिखाई देने लगती है।
3. आम बालों के लिए लाभदायक (Mango fruit extract benefits for hair):-
- आम में विटामिन सी पाया जाता है। इसके इस्तेमाल से रूखे, बेजान और झड़ते हुए बाल को ठीक रखने में सहायता मिलती है।
- आम की गुठलियों से बने तेल को बाल में लगाने से वो जल्दी झड़ते नहीं है और न ही जल्दी सफेद होते है।
- इसमें विटामिन ए और सी की मात्रा होने के कारण यह बालों के बढ़ने के रफ़्तार को भी बढ़ता है और उन्हें मजबूत रखने में भी सहायक होता है।
- आम की गुठलियों को पीसकर आंवले के साथ मिलाकर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
4. आम के जूस व पत्तों के फ़ायदे (Mango juice and leaves benefits):-
- आम का जूस पीने से कमजोरी दूर होती है।
- जूस शरीर को ठंडक देने के साथ चेहरे पर भी ताजगी को बनाये रखता है।
- इसका जूस पीने से गर्मियों में धूप से लगने वाले स्ट्रोक से भी बचा जा सकता है।
- इसमें एंटीओक्सिडेंट पाया जाता है जो त्वचा को ऊम्र के प्रभाव से बचाता है।
- आम के पत्तों को सुखा कर इसका चूर्ण मधुमेह के रोगियों को खाना चाहिए। इसको खाने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा भी ठीक रहती है।
5. आम का सेवन कैसे करें ?(How to eat Mango fruit?):-
- आम को कच्चे और पके हुए दोनों ही रूप में खा सकते है। कच्चे आम को आचार, अमचुर बना कर लम्बे समय तक रख कर खा सकते है।
- कच्चे या पके आमों की चटनी के अलावा जैम, जेली, स्क्वाश भी बनती है। इसको फ्रूट सलाद के भी तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
- पके हुए आम को धो कर उसके उपरी भाग को चाकू से काट कर निकाल ले फिर गुठलियों के दोनों तरफ से आम को काट ले, फिर उनके गुदो को छोटे छोटे टुकडों में काट कर चम्मच से खा सकते है।
- गर्मियों के दिनों में इसको बहुत तरह से इस्तेमाल किया जाता है जैसे आम पन्ना जोकि कच्चे आमों का बनता है, और मैंगो शेक बना के भी पीया जाता है।
- मैंगो शेक को कच्चे या पके दोनों तरह के आमों से बना सकते है। इसके अलावा बहुत से बने बनाये पीने वाले उत्पाद भारत में लोगों द्वारा काफ़ी पसंद किये जाते है जिनमे शामिल है फ्रूटी और माजा।
- आम के साथ साथ उसकी गुठलियों का भी इस्तेमाल होता है। इसके गुठलियों के ऊपर वाले मोटे मजबूत भाग को फोड़ कर अंदर के भाग को सुखाकर उसका अमचुर पाउडर बनता है। जिसका इस्तेमाल सब्जियों के व्यंजनों में होता है।
आम के फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व | Mango fruit nutrition facts:-
प्रति 100 ग्राम आम में
कार्बोहाइड्रेट्स | 17 ग्राम |
एनर्जी | 70 कैलोरी |
प्रोटिन | 0.5 ग्राम |
वसा | 0 27 ग्राम |
विटामिन सी | 1 मिलीग्राम |
विटामिन ए | 765 आई यू |
विटामिन ई | 1.12 मिलीग्राम |
विटामिन के | 4.2 माइक्रोग्राम |
सोडियम | 2 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 156 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 10 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.110 मिलीग्राम |
आयरन | 0.13 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 9 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 0.027 मिलीग्राम |
जिंक | 0.04 मिलीग्राम |
आम के फल के नुकसान | Mango fruit side effects:-
- ज्यादा मात्रा में कच्चे या पके हुए आम खाने से दस्त हो सकते हैं।
- कच्चे आम को खाने के बाद दूध पीने से हानि हो सकती है।
- आम को खाने से पहले हमेशा उसको कुछ देर के लिए पानी में भिगोकर रख दें और फ्रिज में रखा हुआ आम न खायें, इससे उसमें पाये जाने वाले पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।
- गठिया रोग के मरीज़ों को भी ज्यादा मात्रा में आम नहीं खाने चाहिए। आम खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- आम के कुछ स्थानीय फलों को चूस कर या काटकर सीधे नहीं खाया जा सकता है क्योंकि उसके उपरी भाग में एक केमिकल होता है, जो अगर त्वचा या होठों के ऊपर लग जाए तो खुजली होने लगती है।
- संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में साल्मोनेला सीरोटाइप न्यूपोर्ट (SN) इंफेक्सन में रिपोर्ट के अनुसार खुजली होने का कारण है, समोनेलोसिज नामक केमिकल का होना।
- आम खाने के जहाँ बहुत से फ़ायदे है वही इसके ज्यादा सेवन से नुकसान भी है। चुकि यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है, जिससे इसका सेवन लोग ज्यादा मात्रा में कर लेते है। इसमें चीनी की मात्रा होने की वजह से यह वजन को बहुत जल्दी बढ़ा देता है इसलिए जो लोग अपना वजन कम करना चाह रहे है उन्हें इसका सेवन कम करना चाहिए।
- इसमें फाइबर की मौजूदगी की वजह इसको बहुत ज्यादा खाने से दस्त की बीमारी भी हो सकती है। जिन लोगों को मधुमेह की बीमारी है उनको डॉ के सलाह के बिना इसका सेवन नुकसान पंहुचा सकता है। इसलिए इसके सेवन में हमे मात्रा का ध्यान रखना चाहिए अन्यथा ये फ़ायदा की जगह नुकसान भी पंहुचा सकते है।
- विकासशील देशों में आमों के मौसम के शुरुआत में ही किसानो और फल विक्रेता द्वारा आमों को ऊचें दामों पर बेचने के लिए इनको कृत्रिम तरीके से पकाया जाता है, आमों को कृत्रिम तरीके से पकाने के लिए कैल्सियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस तरह के केमिकल युक्त फलों के सेवन से मानसिक विकार भी हो सकते है।
- गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन हानि पंहुचा सकता है। इसके सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे को शारीरिक और मानसिक विकार भी हो सकता है। इस तरह से पकाया हुआ फल हमारे स्वास्थ्य पर गलत असर लम्बे समय तक डाल सकता है।
परन्तु यदि आप इसका सेवन उचित मात्रा में करें तो आप इसके दुष्प्रभावों से बच सकते हैं ।हमें पता हैं ये थोड़ा मुश्किल हैं क्योंकि आम होता ही हैं इतना स्वादिष्ट की खुद को आम खाने से रोकना असंभव सा प्रतीक होता हैं ।परन्तु आपको अपने जीभ पर नियंत्रण तो रखना ही पड़ेगा ।तो जल्दी से चटकारे ले लेकर आम खाये हिसाब से और सेहत बनाये ।
फलों का राजा आम के बारे में अच्छी जानकारियां।👍
ReplyDeletePost a Comment