बिहार एक नजर में -बिहार राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य | Quick Facts of Bihar in Hindi |
बिहार एक नजर में: बिहार राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य | Quick Facts of Bihar in Hindi
भारत के पूर्वी भाग में स्थित बिहार (Bihar) देश का सबसे आबादी वाला तीसरा राज्य और क्षेत्रफल में तेरहवाँ(13th) सबसे बड़ा राज्य है | यह राज्य उत्तर से दक्षिण की ओर 695 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है जबकि पूर्व से पश्चिम की दिशा में इसकी चौड़ाई 483 किमी है | उत्तर में नेपाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश, दक्षिण में झारखंड तथा पूर्व में पश्चिमी बंगाल से घिरा बिहार आकृति में चतुर्भुज सा है | भारत के अन्य राज्यों की भाँती राज्य की लगभग तीन-चौथाई जनसंख्या कृषि एवं पशुपालन सम्द्भी व्यवसायों पर निर्भर है |
क्षेत्रफल | 94,163 वर्ग किमी |
जनसंख्या | 10,38,04,637 (2011 जनगणना ) देश में तीसरा स्थान |
जनसंख्या घनत्व | 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी |
लिंगानुपात | 918 महिलायों पर 1000 पुरुष |
साक्षरता दर | 63.82% |
राजधानी | पटना |
कुल जिले | 38 |
मुख्यमंत्री | नितीश कुमार (जदयू) |
राज्यपाल | लालजी टंडन |
विधानसभा सीटो की संख्या | 243 |
लोकसभा सीटो की संख्या | 40 |
राज्यसभा सीटो की संख्या | 16 |
प्रथम मुख्यमंत्री | कृष्ण सिंह |
प्रथम राजपाल | जेम्स सिफ्टन |
राज्य पशु | गौर |
राज्य पक्षी | गौरैया |
राज्य फूल | कचनार |
राज्य वृक्ष | पीपल |
गठन(बिहार / राज्य दिवस ) | 22 मार्च 1912 |
राज्य का दर्जा | 26 जनवरी 1950 |
राज्य भाषा | हिंदी , उर्दू |
प्रमुख लोकगीत | बिरहा ,चैती ,कजरी ,सोहर |
राजकीय मछली | मांगुर |
बिहार का एक जिला |A district of Bihar
किंवदंतियों के अनुसार महर्षि विश्वामित्र का आश्रम बक्सर बिहार में स्थित था। रामायण की कथा के अनुसार इसी आश्रम में विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को अपने साथ लेकर आए थे।
- माना जाता है कि राम-लक्ष्मण ने यहीं पर ताड़का, सुबाहु आदि राक्षसों को मारा था।
- इस स्थान को गंगा, सरयू संगम के निकट बताया गया है।
- यहाँ संगम के निकट गंगा को पार करने के पश्चात् राम तथा लक्ष्मण ने भयानक वन देखा, जहाँ राक्षसी ताड़का का निवास स्थान था। वह वन मलद और कारुष जनपदों के निकट था।
- विश्वामित्र के आश्रम को 'सिद्धाश्रम' भी कहा जाता था।
- बिहार के जमुई जिले के जंगल में भीमबांध नाम का एक बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल है। लोगों का कहना है कि महाभारत काल में जब पांडव अज्ञातवास पर थे तब वे इस स्थान पर भी आए थे। इस जंगल में भीम ने ठंडे और गर्म झड़ने के बीच एक बांध का निर्माण किया था। वर्तमान में इसे भीमबांध कहा जाता है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में यहां हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और जंगलों के बीच प्राकृति का आनंद लेते हैं।
बक्सर के युद्ध (1764) के परिणामस्वरूप निचले बंगाल का अंतिम रूप से ब्रिटिश अधिग्रहण हो गया। मान्यता है कि एक महान पवित्र स्थल के रूप में पहले इसका मूल नाम 'वेदगर्भ' था। कहा जाता है कि वैदिक मंत्रों के बहुत से रचयिता इस नगर में रहते थे। इसका संबंध भगवान राम के प्रारंभिक जीवन से भी जोड़ा जाता है।
बिहार का इतिहास | Bihar History in Hindi
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- बिहार (Bihar) भारत की प्राचीन सभ्यता का समृद्ध केंद्र है |यह राज्य चन्द्रगुप्त मौर्य एवं सम्राट अशोक से सम्बंधित रहा है|
- सम्राट अशोक के समय मगध में 19 हजार बौद्ध विहार थे | इन्ही वजह से इसे बिहार कहा जाता है |
- यहाँ भगवान महावीर और बुद्ध से संबधित कई स्थल है |
- बारहवीं(12वीं) शताब्दी में मुहम्मद बिन खिलजी के आक्रमण कर नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयो को तबाह करने के साथ साथ हजारों बौद्ध भिक्षुओ को मार दिया था |
- सिक्खों के दसवेँ और अंतिम गुरु गोविन्द सिंह का जन्म पटना में हुआ |
- जैन धर्म के चौबीसवें(24वे) तीर्थंकर वर्धमान महावीर का जन्म पटना जिले के कुंडलपुर ग्राम में हुआ था |
- प्राचीन भारत के शक्तिशाली मगध साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र (पटना) थी |
- शेरशाह सुरी ने पाटलिपुत्र की प्राचीन भूमि पर पटना शहर की स्थापना की |
- 12 दिसम्बर 1911 को संयुक्त बिहार एवं उडीसा के प्रावधान को बदलकर 1936 में बिहार को अलग राज्य बनाया गया|
- बिहार (Bihar) का वर्तमान स्वरूप 01 नवम्बर 1956 में अस्तित्व में आया |
- 2000 में इसमें से झारखंड अलग प्रांत बनाया गया |
बिहार की भौगोलिक स्थिति | Geographic Facts about Bihar in Hindi
- बिहार (Bihar) के पूर्व में पश्चिमी बंगाल , पश्चिम में उत्तर प्रदेश , दक्षिण में झारखंड और उत्तर में नेपाल है |
- बिहार की परिस्थितियों के अनुसार इसे तीन प्राकृतिक इकाइयों में विभक्त किया गया है तराई क्षेत्र , मैदानी इलाका और छोटा नागपुर पठार |
- तराई भाग – यह हिमालय पर्वत श्रुंखला की शिवालिक श्रेणी का हिस्सा है ,यह पश्चिम चम्पारण जिले के उत्तरी भाग में 32 किमी लम्बे और 6.8 किमी चौड़े क्षेत्र में स्थित है | यह क्षेत्र उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व तक भारत नेपाल सीमा के समानंतर है | यह पर्वत क्षेत्र सुमेरश्वर एवं दून नामक दो पर्वतमालाओं से मिलकर बना है जिन्हें हुरडा नदी पृथक करती है |
- मैदानी इलाका – बिहार का मैदानी भाग प्रदेश के कुल क्षेत्रफल के लगभग 42 प्रतिशत हिस्से में फैला है | दक्षिण में 150 किमी की समोच्च रेखा तथा उत्तर में तराई क्षेत्र को भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा इसका सीमांकन करती है |
- छोटा नागपुर पठार – बिहार के मैदानी क्षेत्र के ठीक दक्षिण में 150 मीटर की समोच्च रेखा का आरम्भ है रोहतास की कैमूर पहाडी के अतिरिक्त समस्त क्षेत्र छोटा नागपुर पठार के अंतर्गत आता है | यह उत्तरी पूर्वी भारत की ओर फैले प्रायद्वीपीय भारत का एक हिस्सा है |यहाँ के चट्टानों को कैम्ब्रियन पूर्व युग का माना जाता है | पश्चिम का घाट एवं पूर्व में राजमहल पहाडी , ज्वालामुखी के लावे के जमाव का परिणाम है |
- बिहार (Bihar) में गंगा ,सोन , गंडक , बागमती , घाघरा ,कोसी ,महानदी एवं दामोदर सहित अन्य प्रमुख नदियाँ है |
बिहार की आर्थिक स्थिति | Economic Facts about Bihar in Hindi
- अर्थव्यवस्था के लिहाज से बिहार भारत के सबसे गरीब राज्यों की श्रेणी में आता है|
- बिहार (Bihar) में धान,चावल , गेहूँ , दलहन, गन्ना , जौ , बाजरा, मक्का ,तिलहन ,जुट एवं चना सहित अन्य फसले उत्पादित की जाती है तथा केला, आम और लीची जैसे कुछ फलों की खेती की जाती है | हाजीपुर का केला एवं मुजफ्फरपुर की लीची बहुत ही प्रसिद्ध है।
- उद्योगों में यहाँ पर लौह इस्पात , अलुमिनियम , ताम्बा , जस्ता , इंजीनियरिंग ,रसायन ,मोटरगाडी ,सूती वस्त्र ,चीनी ,रेशम ,जुट ,तम्बाकू-उर्वरक ,तेल शोधक ,कोयला उद्योग है |
- खनिजो में लौह अयस्क , मैगनीज ,कोयला , क्रोमियम , युरेनियम ,वेनेडियम ,बॉक्साईट ,ताम्बा ,सोना ,टिन ,सीसा ,थोरियम , चीनी मिटटी ,फेल्सपार , ग्रेफाईट ,सोपस्टोन , सपेटाईट ,अभ्रक ,चुना पत्थर ,डोलोमाईट , केयोनाईट ,एस्बेस्टस खनिज पाए जाते है |
- यहा अभ्रक का देश में सर्वाधिक 54.8 प्रतिशत तथा कोयले का 34.8 प्रतिशत उत्पादन होता है |
बिहार में परिवहन व्यवस्था | Transportation Facts of Bihar in Hindi
- राज्य में करीब 76065 किमी लम्बी सड़कें है, इसमें से लगभग 3537 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं 17898 किमी प्रांतीय राजमार्ग है |
- सबसे बड़ा नदी पुल गांधी सेतु है |
- हवाई अड्डे पटना, दरभंगा, गया, जोगबानी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, रक्सौल एवं बिहटा में है |
- जलमार्ग की लम्बाई 900 मील है |
बिहार के त्यौहार और संस्कृति | Social and Cultural Facts about Bihar in Hindi
- बिहार (Bihar) राज्य में अनेक त्यौहार मनाये जाते है | छठ पूजा त्यौहार में यहाँ के निवासियों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है ।यह साल में दो बार (चैत्र और कार्तिक) मनाया जाता है | अन्य राज्यों में रहने वाले बिहार के लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते है ।
- बिहुला भी प्रमुख त्योहारों में से एक है जो भागलपुर क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है।
- अन्य त्योहारों में मकर संक्रांति, सतुआनी,बसंत पंचमी ,शिवरात्रि ,रक्षाबंधन, होली, दुर्गा पूजा ,दीपावली, महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्री पंचमी आदि मनाये जाते है ।
- मुस्लिम और ईसाई धर्मो को मानने वाले भी मुहर्रम, ईद , ईदुलजुहा और क्रिसमस मनाते है।
- सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म स्थान होने के कारण पटना सिटी (पटना) में उनकी जयन्ती पर भी भारी श्रद्धार्पण देखने को मिलता है।
- हिंदी, अंगिका, भोजपुरी, मगही, उर्दू और मैथिली यहाँ की प्रमुख भाषायें हैं।
- सेराइकेला छऊ यहाँ का मुख्य लोक नृत्य है।
- सोनपुर का पशु मेला काफी प्रसिद्ध है ,जहाँ चन्द्रगुप्त मौर्य के दौर से हाथी घोड़े खरीदे जाते है ।
- बिहार की संस्कृति मगध, अंग, मिथिला तथा वज्जी संस्कृतियों का मिश्रण है।
- जातिवाद बिहार की राजनीति तथा आमजीवन का अभिन्न अंग रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इसका विराट रूप सामने आया था। वर्तमान में काफी हद तक यह भेदभाव कम हो गया है। इस जातिवाद के दौर की एक ख़ास देन है - अपना उपनाम बदलना। जातिवाद के दौर में कई लोगों ने जाति स्पष्ट न हो इसके लिए अपने तथा बच्चों के उपनाम बदल कर एक संस्कृत नाम रखना आरंभ कर दिया। इसके फलस्वरूप कई लोगों का वास्तविक उपनाम यादव, शर्मा, मिश्र, वर्मा, झा, सिन्हा, श्रीवास्तव, राय इत्यादि से बदलकर प्रकाश, सुमन, प्रभाकर, रंजन, भारती इत्यादि हो गया। जातिसूचक उपनाम के बदले कई लोग 'कुमार' लिखना पसंद करते हैं।
- मनोरंजन:-बिहार के शहर, कस्बों तथा गाँवों में फिल्मों की लोकप्रियता बहुत अधिक है। हिंदी फिल्मों के संगीत बहुत पसन्द किये जाते हैं। मुख्य धारा की हिन्दी फिल्मों के अलावा मैथिली, भोजपुरी फिल्मों ने भी अपना प्रभुत्व जमाया है। मैथिली तथा अन्य स्थानीय सिनेमा भी लोकप्रिय हैं। अंग्रेजी फिल्म पटना जैसे नगरों में ही देखा जाता है। उच्चस्तरीय पसंद वाले लोग नृत्य, नाटकीय मंचन या चित्रकला में अपना योगदान देना पसंद करते हैं।
- खानपान:-बिहार अपने खानपान की विविधता के लिए प्रसिद्ध है। शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनो व्यंजन पसंद किये जाते हैं। मिठाईयों की विभिन्न किस्मों के अतिरिक्त अनरसा की गोली, खाजा, मोतीचूर लड्डू, तिलकुट यहाँ की खास पसंद है। सत्तू, चूड़ा-दही और लिट्टी-चोखा जैसे स्थानीय व्यंजन तो यहाँ के लोगों की कमजोरी हैं। लहसुन की चटनी भी बहुत पसंद करते हैं। लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने के बाद तो लिट्टी-चोखा भारतीय रेल के महत्वपूर्ण स्टेशनों पर भी मिलने लगा है। सुबह के नास्ते में चूड़ा-दही या पूरी-जलेबी खूब खाये जाते हैं। चावल-दाल-सब्जी और रोटी बिहार का सामान्य भोजन है।
- शादी-विवाह:-शादी विवाह के दौरान ही प्रदेश की सांस्कृतिक प्रचुरता स्पष्ट होती है। जातिगत आग्रह के कारण शत-प्रतिशत शादियाँ माता-पिता या रिश्तेदारों द्वारा तय परिवार में ही होता है। शादी में बारात तथा जश्न की सीमा समुदाय तथा उनकी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है। लोकगीतों के गायन का प्रचलन लगभग सभी समुदाय में हैं। आधुनिक तथा पुराने फिल्म संगीत भी इन समारोहों में सुनाई देते हैं। शादी के दौरान शहनाई का बजना आम बात है। इस वाद्ययंत्र को लोकप्रिय बनाने में बिस्मिल्ला खान का नाम सर्वोपरि है, उनका जन्म बिहार में ही हुआ था।
- खेलकूद:-भारत के अन्य कई जगहों की तरह क्रिकेट यहाँ भी सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा फुटबॉल, हाकी, टेनिस, खो-खो और गोल्फ भी पसन्द किया जाता है। बिहार का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण होने के कारण पारंपरिक भारतीय खेल कबड्डी हैं।
शिक्षा
एक समय बिहार शिक्षा के सर्वप्रमुख केन्द्रों में गिना जाता था। नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय तथा ओदंतपुरी विश्वविद्यालय प्राचीन बिहार के गौरवशाली अध्ययन केंद्र थे। १९१७ में खुलने वाला पटना विश्वविद्यालय काफी हदतक अपनी प्रतिष्ठा कायम रखने में सफल रहा। किंतु स्वतंत्रता के पश्चात शैक्षणिक संस्थानों में राजनीति तथा अकर्मण्यता करने से शिक्षा के स्तर में गिरावट आई। हाल के दिनों में उच्च शिक्षा की स्थिति सुधरने लगी है। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की स्थिति भी अच्छी हो रही है। हाल में पटना में एक भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान और राष्ट्रीय प्राद्यौगिकी संस्थान तथा हाजीपुर में केंद्रीय प्लास्टिक इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्युट तथा केंद्रीय औषधीय शिक्षा एवं शोध संस्थान खोला गया है, जो अच्छा संकेत है।
विश्वविद्यालय
बिहार के विश्वविद्यालय
- महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण
- दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बोधगया
- बिहार कृषि विशवविधालय सबौर, भागलपुर
- पटना विश्वविद्यालय, पटना
- मगध विश्वविद्यालय, बोधगया
- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर
- तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर
- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
- कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा
- जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय, छपरा
- भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा
- वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा
- नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, पटना
- मौलाना मजहरुल हक़ अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय,पटना
- राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर
- आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना
चिकित्सा संस्थान
- पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, पटना
- इंदिरागाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना
- नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, पटना
- बुद्धा दंत चिकित्सा संस्थान एवं अस्पताल, पटना
- श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, मुजफ्फरपुर
- राय बहादुर टुनकी साह होमियोपैथिक कॉलेज और अस्पताल,मुजफ्फरपुर
- अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, गया
- दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, लहेरियासराय
- कटिहार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटिहार
- जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, भागलपुर
- वर्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्स, पावापुरी, नालंदा
- AIIMS PATNA
- मधुबनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मधुबनी
अन्य प्रमुख शैक्षणिक संस्थान
- शेरिकलचर इंसटीचयूट भागलपुर
- चाणक्य विधि विश्वविद्यालय, पटना
- अनुग्रह नारायण सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना
- ललितनारायण मिश्रा सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना
- केंद्रीय प्लास्टिक इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्युट (सिपेट), हाजीपुर
- केंद्रीय औषधीय शिक्षा एवं शोध संस्थान (नाइपर), हाजीपुर
- होटल प्रबंधन, खानपान एवं पोषाहार संस्थान, हाजीपुर
- प्राकृत जैनशास्त्र एवं अहिंसा संस्थान, वैशाली
बिहार के पर्यटन स्थल | Bihar Toursim guide in Hindi
पटना | Patna
इस शहर की स्थापना का श्रेय शेरशाह सुरी को जाता है जिसने मुगल सम्राट हुमायु को हराया था | यह शहर पाटलीपुत्र के नाम से भी जाना जाता था | यहाँ कई सांस्कृतिक स्थलों के अलावा आधुनिक युग के दर्शनीय स्थल भी है | महात्मा गांधी को समर्पित गांधी संग्रहालय देशी विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है | यहाँ गांधीजी के जीवन दर्शन से संबधित सभी दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह है | पटना स्थित गोलघर लगभग 214 वर्ष पुराना है | बिना किसी स्तम्भ का बना यह गोलाकार अद्भुद भवन अन्न संग्रह के उद्देश्य से बनाया गया था |
कुम्हरार , जो अस्सी खम्भों वाला सभा भवन है | इन खम्बो को एक ही पत्थर से काटकर बनाया गया था, भी देखने लायक है |अन्य दर्शनीय स्थलों में संजय गांधी जैविक उद्यान ,शहीद स्मारक ,मीतनघाट दरगाह शरीफ , बांकीपुर क्लब , मौर्यलोक आदि है | यहा खुदा बक्श लाइब्रेरी भी है जहाँ 18 हजार पांडूलिपियाँ संरक्षित है | ये पांडूलिपिया अरबी , फारसी ,उर्दू ,तुर्की एवं पश्तू भाषा में है जिनमें चिकित्सा , कला ,विज्ञान ,गणित ,खगोलशास्त्र आदि का ज्ञान छिपा है |
पटना के मुख्य पर्यटन स्थल
- प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतें: कुम्रहार परिसर, अगमकुआँ, महेन्द्रूघाट, शेरशाह के द्वारा बनवाए गए किले का अवशेष।
- ब्रिटिश कालीन भवन: जालान म्यूजियम, गोलघर, पटना संग्रहालय, विधान सभा भवन, हाईकोर्ट भवन, सदाकत आश्रम।
- धार्मिक स्थल: हरमंदिर, बड़ी पटनदेवी, छोटी पटनदेवी, महावीर मंदिर, शीतला माता मंदिर, इस्कॉन मंदिर, नवलख्खा मंदिर, सुर्य मंदिर,थावे काली माता मंदिर,वैष्णो धाम अमनौर,आमी मंदिर,माँ दुर्गा की मंदिर छपरा, सीता जी का जन्म स्थान, पादरी की हवेली, शेरशाह की मस्जिद, बेगू ह्ज्जाम की मस्जिद, पत्थर की मस्जिद, जामा मस्जिद, फुलवारीशरीफ में बड़ी खानकाह, मनेरशरीफ - सूफी संत हज़रत याहया खाँ मनेरी की दरगाह।
- ज्ञान-विज्ञान के केंद्र: पटना तारामंडल, पटना विश्वविद्यालय, सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी, संजय गाँधी जैविक उद्यान, श्रीकृष्ण सिन्हा विज्ञान केंद्र, खुदाबक़्श लाइब्रेरी एवं विज्ञान परिसर।
सभ्यता द्वार |
सभ्यता द्वार (Sabhyata Dwar) भारतीय राज्य बिहार में पटना शहर में गंगा नदी के तट पर स्थित एक बलुआ पत्थर आर्क स्मारक है। सभ्यता द्वार को मौर्य-शैली वास्तुकला के साथ बनाया गया है जिसमें बिहार राज्य की पाटलिपुत्र और परंपराओं और संस्कृति की प्राचीन महिमा दिखाने के उद्देश्य से बनाया गया है। सभ्यता द्वार का निर्माण राजस्थान से रेड एंड वाइट सैंड स्टोन मगाकर किया गया है। भवन निर्माण विभाग ने सभ्यता द्वार के आसपास काफी खूबसूरत गार्डेन बनाया है। गार्डेन भी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया, नई दिल्ली का इंडिया गेट और फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजा की श्रृंखला में ही यह सभ्यता द्वार भी है।पटना का लैंडमार्क सभ्यता द्वार पर बिहार से जुड़े चार महापुरुषों के सदेशों को लिखा गया है।
सारण तथा आसपास
सोनपुर मेला |
प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा से लगनेवाला सोनपुर मेला, सारण जिला का नवपाषाण कालीन चिरांद गाँव, कोनहारा घाट, नेपाली मंदिर, रामचौरा मंदिर, १५वीं सदी में बनी मस्जिद, दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल, महात्मा गाँधी सेतु, गुप्त एवं पालकालीन धरोहरों वाला चेचर गाँव।
वैशाली तथा आसपास
वैशाली का अशोक स्तभं |
छठी सदी इसापूर्व में वज्जिसंघ द्वारा स्थापित विश्व का प्रथम गणराज्य के अवशेष, अशोक स्तंभ, बसोकुंड में भगवान महावीर की जन्म स्थली, अभिषेक पुष्करणी, विश्व शांतिस्तूप, राजा विशाल का गढ, चौमुखी महादेव मंदिर, भगवान महावीर के जन्मदिन पर वैशाख महीने में आयोजित होने वाला वैशाली महोत्सव।
गया | Gaya
प्राचीनकाल में गया मगध साम्राज्य का एक अंग था । एतेहासिक ,धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से गया का विशेष महत्व रहा है । यहाँ घुमने के लिए कई महत्वपूर्ण पर्यटन है । गया की खूबसूरती का राज उसके चारों ओर पर्वतों की श्रुंखला है । गया में कई तालाब है जो इसे मनोहारी बनाते है पर सूर्यकुंड का विशेष स्थान है । यह मगध का प्राचीनतम सरोवर है । विष्णुपद मन्दिर फल्गु नदी के किनारे स्थित है । इस मन्दिर में भगवान विष्णु के 13 इंच के चरण चिन्ह है । इसके अलावा सीताकुंड , कवली देवी का मन्दिर और मातृयोनी गुफा आदि शामिल है।
बोधगया | Bodh Gaya
निरंजना नदी के तट पर बोधगया अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल है । रमणीय पर्वतीय भू-भाग ,निर्मल जलवाहिनी नदियाँ , सघन कमलदलों से अच्छादित सरोवर ,सघन वन ,उपवन आदि मन:प्रशासक दृश्यावलियो से युक्त यह स्थल प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ है।
महाबोधि मन्दिर | Mahabodhi Temple
यहाँ का महाबोधि मन्दिर उत्तर भारत के अन्य मन्दिरों की तुलना में अद्वीतीय और बेमिसाल है । यह बोधि वृक्ष एवं वज्रासन के पूरब दिशा में सटा है । यह मन्दिर 170 फीट ऊँचा , बहुअलंकृत पेगोडानुमा बना हुआ है । महात्मा बुद्ध को जिस वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुयी थी वह बोधिवृक्ष भी यहीं है जिसे दूर दूर से देखने लोग आते है । यहाँ के अन्य दर्शनीय स्थलों में आजपाल का वटवृक्ष, अलौकिक वृक्ष ,मुंचलिंद सरोवर ,अशोक पिलर एवं मनौती द्वीप केंद्र है ।
राजगीर | Rajgir
पहाड़ियों से घिरा विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए ख़ासा आकर्षण केंद्र बना हुआ है । प्राचीनकाल में सम्राट जरासंध ने अनेक प्रतिद्वंदी राजाओं को पराजित कर राजगीर दुर्ग में बंद कर रखा था । 28 दिनों तक चले मल्लयुद्ध में भीम ने जरासंध ने दोनो पैर चीर कर मार डाला था ।
राजगीर जिन पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है उन्हें पंचपहाड़ी नाम से जाना जाता है । ये करीब एक हजार फीट ऊँची है । वैभार ,विपुलाचल रत्नागिरी ,उदयगिरी और सोरोनगिरी के नाम से ये मशहूर है । यहाँ के अन्य दर्शनीय स्थलों में झरने , जरासंध का अखाड़ा ,विश्व शान्ति स्तूप , बिम्बिसार का जेल मनियार मठ सप्तवर्णी गुफा ,वेष्णुवन और आकर्षक संग्रहालय वीरायतन है।
राजगीर जिन पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है उन्हें पंचपहाड़ी नाम से जाना जाता है । ये करीब एक हजार फीट ऊँची है । वैभार ,विपुलाचल रत्नागिरी ,उदयगिरी और सोरोनगिरी के नाम से ये मशहूर है । यहाँ के अन्य दर्शनीय स्थलों में झरने , जरासंध का अखाड़ा ,विश्व शान्ति स्तूप , बिम्बिसार का जेल मनियार मठ सप्तवर्णी गुफा ,वेष्णुवन और आकर्षक संग्रहालय वीरायतन है।
देव सूर्य मंदिर | Dev Surya Mandir
देव सूर्य मंदिर की तस्वीर अद्भुत शिल्प कला का स्वरूप |
देव सूर्य मंदिर, देवार्क सूर्य मंदिर या केवल देवार्क के नाम से प्रसिद्ध, यह भारतीय राज्य बिहार के औरंगाबाद जिले में देव नामक स्थान पर स्थित एक हिंदू मंदिर है जो देवता सूर्य को समर्पित है। यह सूर्य मंदिर अन्य सूर्य मंदिरों की तरह पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है।
देवार्क मंदिर अपनी अनूठी शिल्पकला के लिए भी जाना जाता है। पत्थरों को तराश कर बनाए गए इस मंदिर की नक्काशी उत्कृष्ट शिल्प कला का नमूना है। इतिहासकार इस मंदिर के निर्माण का काल छठी - आठवीं सदी के मध्य होने का अनुमान लगाते हैं जबकि अलग-अलग पौराणिक विवरणों पर आधारित मान्यताएँ और जनश्रुतियाँ इसे त्रेता युगीन अथवा द्वापर युग के मध्यकाल में निर्मित बताती हैं।
परंपरागत रूप से इसे हिंदू मिथकों में वर्णित, कृष्ण के पुत्र, साम्ब द्वारा निर्मित बारह सूर्य मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के साथ साम्ब की कथा के अतिरिक्त, यहां देव माता अदिति ने की थी पूजा मंदिर को लेकर एक कथा के अनुसार प्रथम देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य में छठी मैया की आराधना की थी। तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद अदिति के पुत्र हुए त्रिदेव रूप आदित्य भगवान, जिन्होंने असुरों पर देवताओं को विजय दिलायी। कहते हैं कि उसी समय से देव सेना षष्ठी देवी के नाम पर इस धाम का नाम देव हो गया और छठ का चलन भी शुरू हो गया। अतिरिक्त पुरुरवा ऐल, और शिवभक्त राक्षसद्वय माली-सुमाली की अलग-अलग कथाएँ भी जुड़ी हुई हैं जो इसके निर्माण का अलग-अलग कारण और समय बताती हैं। एक अन्य विवरण के अनुसार देवार्क को तीन प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक माना जाता है, अन्य दो लोलार्क (वाराणसी) और कोणार्क हैं।
मंदिर में सामान्य रूप से वर्ष भर श्रद्धालु पूजा हेतु आते रहते हैं। हालाँकि, यहाँ बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में विशेष तौर पर मनाये जाने वाले छठ पर्व के अवसर पर भारी भीड़ उमड़ती है।
सीतामढी तथा आसपास
पुनौरा में देवी सीता की जन्मस्थली, जानकी मंदिर एवं जानकी कुंड, हलेश्वर स्थान, पंथपाकड़, यहाँ से सटे नेपाल के जनकपुर जाकर भगवान राम का स्वयंवर स्थल भी देखा जा सकता है।
चंपारण
केसरिया में दुनिया का सबसे बड़ा बुद्ध स्तूप |
सम्राट अशोक द्वारा लौरिया में स्थापित स्तंभ, लौरिया का नंदन गढ़, नरकटियागंज का चानकीगढ़, वाल्मीकिनगर जंगल, बापू द्वारा स्थापित भीतीहरवा आश्रम, तारकेश्वर नाथ तिवारी का बनवाया रामगढ़वा हाई स्कूल, स्वतंत्रता आन्दोलन के समय महात्मा गाँधी एवं अन्य सेनानियों की कर्मभूमि तथा अरेराज में भगवान शिव का मन्दिर, केसरिया में दुनिया का सबसे बड़ा बुद्ध स्तूप जो पूर्वी चंपारण में एक आदर्श पर्यटन स्थल है।
भागलपुर तथा आसपास
प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय |
प्राचीन शिक्षा स्थल के अलावे यह बिहार में तसर सिल्क उद्योग केंद्र है। पाल शासकों द्वारा बनवाये गये प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय का अवशेष, वैद्यनाथधाम मंदिर, सुलतानगंज, मुंगेर में बनवाया मीरकासिम का किला, मंदार पर्वत बौंसी बाँका एक प्रमुख धार्मिक स्थल जो तीन धर्मो का संगम स्थल है। विष्णुपुराण के अनुसार समुद्र मंथन यही संपन्न हुआ था और यही पर्वत जिसका प्राचीन नाम मंद्राचल पर्वत( मंदार वर्तमान में) जो की मथनी के रूप में प्रयुक्त हुआ था।
बिहार का प्राचीन इतिहास | Ancient History of Bihar
बिहार का मध्यकालीन इतिहास | Medieval history of Bihar
बिहार का आधुनिक इतिहास | Modern History of Bihar
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मुझे मेरे बिहारी होने पर गर्व है।
ReplyDeleteबिहार के बारे बहुत सारी
जानकारियोंके लिए धन्यवाद।
Very Nice article.
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