नवरात्रि पर नौ दिनों की पूजा में आज तीसरा दिन है। आज मां चंद्रघंटा (Chandraghanta Maa) की पूजा हो रही है। सुबह की विधि विधान पूजा के बाद अब संध्या आरती का वक्त है। ऐसे में माँ भगवती को प्रिय उनकी आरती ‘जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी..’ के साथ आज की पूजा संपन्न करें। आरती के वक्त खुद आरती बोलना ही लाभकारी माना गया है। इसलिए नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर मां अम्बे की आरती करें। याद रहे आरती करते वक्त दीप से आरती उल्टा न उतारें। इसके अलावा आरती के साथ घड़ी—घंटा, शंख, ढोल ताशे आदि के साथ भी आरती का विधान है। घर में आप आरती के साथ शंख और घंटी बजाएं तो घर से दरिद्रता दूर भागती है।
आरती श्री अम्बा जी की
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।। जय अम्बे गौरी…।।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी…।।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी…।।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अम्बे गौरी…।।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।जय अम्बे गौरी…।।
शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी…।।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अम्बे गौरी…।।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।जय अम्बे गौरी…।।
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अम्बे गौरी…।।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अम्बे गौरी…।।
भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अम्बे गौरी…।।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अम्बे गौरी…।।
अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।। जय अम्बे गौरी…।।
Aarti Shri Amba Ji Ki
Jai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri.
Tumako Nishadin Dhyavat, Hari Bramha Shivari.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Mang Sindur Virajat, Tiko Mrigamad Ko.
Ujjval Se Dou Naina, Chandravadan Niko.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Kanak Saman Kalevar, Raktambar Raje,
Raktpushp Gal Mala, Kanthan Par Saje.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Kehari Vahan Rajat, Khadag Khappar Dhari,
Sur-Nar-Munijan Sevat, Tinake Dukhahari.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Kaanan Kundal Shobhit, Nasagre Moti,
Kotik Chandr Divakar, Rajat Sam Jyoti.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Shumbh-Nishumbh Bidare, Mahishasur Ghati,
Dhumr Vilochan Naina, Nishadin Madamati.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Chand-Mund Sanhare, Shonit Bij Hare,
Madhu-Kaitabh Dou Mare, Sur Bhayahin Kare.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Bramhani, Rudrani,Tum Kamala Rani,
Agam Nigam Bakhani,Tum Shiv Patarani.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Chausath Yogini Mangal Gavat,Nritya Karat Bhairu,
Bajat Tal Mridanga,Aru Baajat Damaru.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Tum Hi Jag Ki Mata, Tum Hi Ho Bharata,
Bhaktan Ki Dukh Harta, Sukh Sampati Karta.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Bhuja Char Ati Shobhi,Varamudra Dhari,
Manvanchhit Fal Pavat,Sevat Nar Nari.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Kanchan Thal Virajat, Agar Kapur Bati,
Shrimalaketu Mein Rajat, Koti Ratan Jyoti .।।Om Jai Ambe Gauri…।।
Shri Ambeji Ki Arati, Jo Koi Nar Gave,
Kahat Shivanand Svami, Sukh-Sampatti Pave.।।Om Jai Ambe Gauri…।।
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