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Chaitra Navratri 2020: इस नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ मंत्रों से पूरी करें अपनी मनोकामनाएं

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नवरात्रि माँ के अलग अलग रूपों को निहारने और उत्सव मानाने का त्यौहार है। जैसे कोई शिशु अपनी माँ के गर्भ में ९ महीने रहता हे, वैसे ही हम अपने आप में परा प्रकृति में रहकर – ध्यान में मग्न होने का इन ९ दिन का महत्व है। वहाँ से फिर बाहर निकलते है तो सृजनात्मकता का प्रस्सपुरण जीवन में आने लगता है।चैत्र नवरात्रि पर ९ दिनों तक माता के भक्त विधिवत रूप से पूजा-आराधना करते हैं और अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए मंत्रो का जप करते हैं। देवी पुराण में कुछ ऐसे मंत्र हैं जिनको अगर नवरात्रि के समय जप किया जाए तो मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

पहला मंत्र:-

 दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः। सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।।

धन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करना फलदायी होता है।

दूसरा मंत्र:-

सर्वाबाधा वि निर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥

अगर किसी व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति करनी तो इस मंत्र का नियमित रूप से जप करना चाहिए।

तीसरा मंत्र:-

  शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

बुरे समय से पार पाने के लिए मां दुर्गा के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

चौथा मंत्र:-

 ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः। शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै।।
अच्छी सेहत और धन-ऐश्वर्य के लिए देवी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

पाचवां मंत्र:-

सर्वस्य बुद्धिरुपेण जनस्य हृदि संस्थिते। स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।

जीवन की सारी बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए देवी के इस मंत्र का जप करना लाभकारी होता है।

छठा मंत्र:-

दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके। मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।। 

भविष्य के संकेतों को मालूम करने की शक्ति देवी दुर्गा के इस मंत्र में मिलती है।











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सातवां मंत्र:-

ॐ महामायां हरेश्चैषा तया संमोह्यते जगत्, ज्ञानिनामपि चेतांसि देवि भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।

समाज में मान-सम्मान और खोई हुई प्रतिष्ठा पाने के लिए देवी के इस मंत्र का जप करना शुभ फलदायी होता है।

आठवां मंत्र:-

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते।। 

इस मंत्र का नियमित जप करने व्यक्ति को गुणवान और शक्तिशाली बनाता है।

नौवां मंत्र:-

प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि। त्रैलोक्यवासिनामीडये लोकानां वरदा भव।।

जीवन में आनंद और परिवार के लोगों की खुशी के लिए इस मंत्र को बहुत ही उपयोगी माना गया है।



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