[ads id="ads1"]
देश और दुनियाभर में कौन सी बीमारी कब और कैसे फैल जाती है इस बात का अंदाजा तो पहले से नहीं लगाया जा सकता। लेकिन हां यदि कोई बीमारी फैलने लगती है तो उसके लक्षणों को देखकर उस बीमारी का पता जरूर लगाया जा सकता है कि वह कौन सी बीमारी है? और वह किस तरह से सबके बीच इतनी तेजी से फैल रही है? ऐसी है एक नई बीमारी चीन में जन्म लेकर एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका, यूरोप से होते हुए अब भारत तक पहुंच चुकी है और यहाँ के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। जी हां हम बात कर रहे हैं चीन में फैलने वाले कोरोना वायरस की। आइए जानते हैं आखिर क्या है यह वायरस और किस तरह से फैलता जा रहा है?
क्या है कोरोना वायरस? | What is corona virus?:-
लातीना भाषा में "कोरोना" का अर्थ "मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया था।कोरोनावायरस (Coronavirus) कई वायरस (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। संक्रमित होता हुआ यह एक ऐसा वायरस है जो मनुष्य से लेकर जानवरों सब के बीच अपना प्रकोप फैलाता जा रहा है। यह वायरस जिस मनुष्य को लग जाता है उसके लक्षणों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे उसे निमोनिया हुआ हो। क्योंकि इस वायरस से संक्रमित होने वाले व्यक्ति को निमोनिया जैसे लक्षण होने लगते हैं।इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायररोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी को अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर किया जाता है और रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।
कोरोना वायरस इंफेक्शन के लक्षण | Symptoms of corona virus infection:-
इस वायरस से संक्रमित होने के बाद रोगी के श्वसन तंत्र में परेशानी आने लगती है आमतौर पर देखने से यह मामूली जुखाम व खाँसी जैसे लक्षण लगते हैं लेकिन यदि कोई इस वायरस से कोई संक्रमित हो जाता है तो उसके और भी कई हानिकारक लक्षण नजर आने रखते हैं। जिसमें नाक का बहना, सिर में बहुत ज्यादा तेज दर्द, खांसी और कफ का आना, गला पूरी तरह से खराब हो जाना, बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, और उल्टी आना या उल्टी जैसा महसूस होना, श्वसन तंत्र में तकलीफ जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होनी, निमोनिया के लक्षण नजर आने और ब्रोंकाइटिस सम्मिलित है। यदि किसी मनुष्य में यह लक्षण पाए जा रहे हैं तो उन्हें कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड मानकर हॉस्पिटल में भर्ती किया जा रहा है।
[ads id="ads2"]
[ads id="ads2"]
कहाँ से फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस? | Where did the corona virus start spreading? (Origin):-
विशेषज्ञों ने रिसर्च के बाद यह पता लगाया है कि यह वायरस समुद्री जीवों की वजह से फैला है जिसकी शुरुआत दक्षिण चीन में मौजूद वुहान शहर से हुई है क्योंकि यह शहर समुद्र के पास है और सबसे पहले इस वायरस ने इसी शहर पर अटैक किया। चीन के एक शहर से शुरू होता हुआ यह वायरस धीरे-धीरे पूरे चीन देश में अपना प्रकोप फैला चुका है। इस वायरस का शिकार होने वाले जानवरों से यह वायरस मनुष्य तक पहुंच रहा है और एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य के शरीर में संक्रमित होता जा रहा है।
यह वायरस चीन के दक्षिण क्षेत्र से आरंभ हुआ क्योंकि वहां पर चीन का जीव जंतुओं की बिक्री करने वाला सबसे बड़ा बाजार पाया जाता है। जहां पर काफी बड़ी मात्रा में समुद्री जीव बेचे जाते हैं वहां पर जिंदा समुद्री जीव भी मौजूद होते हैं तो वहां पर उनके मांस को भी बेचा जाता है। इस वायरस को फैलने की सबसे बड़ी वजह वही जिसका सेवन चीन के लोग करते हैं। इस वायरस का मुख्य कारण वहां पर मौजूद सांप और चमगादड़ों को माना जा रहा है, हालांकि विशेषज्ञों द्वारा अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन जहां तक उनकी खोज पहुंच पाई है वे यही अंदाजा लगा रहे हैं कि सांप और चमगादड़ों की वजह से यह वायरस इंसानों में फैल रहा है।
कोरोना वायरस कैसे फैल रहा है | How is the corona virus spreading?:-
जैसा कि हमने बताया कि यह मुख्य रुप से यह वायरस जानवरों से मानवों तक पहुंच रहा है और मानव के बीच बहुत शीघ्रता से फैलता जा रहा है। विशेषज्ञों द्वारा इसके फैलने के कुछ मुख्य कारण और तरीके बताए गए हैं जो निम्नलिखित है:-
- चीन में जिस व्यक्ति ने जानवरों का सेवन किया जिनमें मुख्य रुप से चमगादड़ और सांप को बताया जा रहा है उनमें यह संक्रमण पाया गया।
- धीरे-धीरे वायु के जरिए यह संक्रमण छीकने और खाँसने की वजह से श्वास नली के द्वारा एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में प्रवेश कर गया।
- व्यक्तिगत संपर्क जैसे हाथ मिलाना और किसी को छूना इन सभी क्रियाओं के जरिए भी इस वायरस को फैलता हुआ देखा जा रहा है।
- इस वायरस का संक्रमण पब्लिक प्लेस के जरिए बहुत जल्दी फैलता है क्योंकि वहां पर अनेकों लोग आते-जाते हैं जिनमें कुछ संक्रमित लोग भी शामिल होते हैं यदि वे उन वस्तुओं को छूते हैं तो वे वस्तुएं भी संक्रमित हो जाती है ऐसे में एक स्वस्थ व्यक्ति यदि उन वस्तुओं को छूता है या किसी व्यक्ति से जो संक्रमण से पीड़ित है से हाथ मिलाता है तो वह भी इस संक्रमण के अंतर्गत आ जाएगा।
- कोशिश करें कि घर से बाहर जाकर किसी भी व्यक्ति से मेल मिलाप ना बढ़ाएं और उनसे हाथ ना मिलाएं हो सकता है वह संक्रमण ग्रस्त हो और आपको भी उस बीमारी का कोई जीवाणु रोग ग्रस्त कर दे।
- इधर-उधर मल मूत्र के प्रसव से भी इस वायरस के संक्रमण में बढ़ोतरी हुई है।
चीन के अलावा और किस देश पर हुआ है कोरोना वायरस का अटैक? | Apart from China, which country has corona virus attack? :-
चीन से आरंभ होकर यह तबाही धीरे-धीरे और देशों को भी अपनी चपेट में ले रही है जिसमें अमेरिका, यूरोप, थाईलैंड, जापान, तिब्बत, मंगोलिया और अब भारत को भी अपने कब्जे में लेता हुआ नजर आ रहा है। भारत के बहुत से ऐसे शहर हैं जहां पर इस वायरस ने अपनी दस्तक दे दी है। चीन से आए कुछ भारतीय लोगों में यह रोग संक्रमित पाया गया जिसके बाद वह जिस भी भारत के शहर में गए तो उन लोगों के जरिए यह वायरस उस शहर में भी फैल गया। इस संक्रमण के अंतर्गत भारत के कुछ मुख्य शहर भी आ चुके हैं जिनमें से मुंबई राजस्थान और बिहार भारत देश के पहले ऐसे शहर हैं जहां पर यह संक्रमण पहुंच चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार बिहार में चीन से लौटा हुआ एक संक्रमित मरीज मिला जिसे इस संक्रमण की पुष्टि करने के बाद ही तुरंत अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। ठीक इसी तरह चीन से एक विद्यार्थी जयपुर पहुंचा था, उसमें भी इस संक्रमण के कुछ भयानक लक्षण देखने को मिले जिस के बाद से ही उसका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है।
चीन से होते हुए किसी भी मनुष्य ने यात्रा की तो वह उस वायरस की चपेट में आ गया। ऐसा ही एक मनुष्य चीन होता हुआ जापान पहुंचा था। जिसकी वजह से वहां पर भी इस वायरस को दो लोगों में देखा जा चुका है। इसके बाद चीन प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए चीन के 12 शहरो से वहां पर रहने वाले निवासियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की संख्या | Number of people infected with Corona virus:-
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार चीन में कोरोना वायरस के कहर से मरने वालों की संख्या 3000 को पार कर गई है और 86, 986 ऐसे लोगों की पुष्टि की गई है जो इस वायरस से संक्रमित हैं, लेकिन कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति की मौत होने या उसका बच जाना तमाम अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है।इन कारकों में संक्रमित व्यक्ति की उम्र, लिंग, उसका सामान्य स्वास्थ्य और वह जिस देश में रहता है वहां का स्वास्थ्य तंत्र शामिल हैं। यह वायरस चीन के अधिकतर शहरों में जिनमें से मुख्य बीजिंग, शंघाई, मकाउ और हांगकांग सम्मिलित है, में पहुंच चुका है।चीन से बाहर 22 देशों में कोरोना वायरस के कई मामलों की पुष्टि हुई है। इन देशों में भारत, थाईलैंड, ईरान, इटली, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। चीन देश से आरंभ इस संक्रमण की जांच पड़ताल चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा की जा रही है जांच पड़ताल के बाद उनका कहना है कि इस संक्रमण की चपेट में आने वाला व्यक्ति लगभग 14 दिन तक रोग ग्रस्त रहता है। अर्थात यदि कोई व्यक्ति इस वायरस से पीड़ित हो जाता है तो उसमे लगातार 14 दिन तक इस बीमारी के लक्षण बने रहेंगे। यदि इस अवधि के दौरान उसको सही उपचार नहीं दिया गया तो वह गंभीर स्थिति तक पहुंच सकता है। इसलिए समय रहते इस वर्ष कोरोना वायरस का सही और बेहतर उपचार होना अति आवश्यक बन चुका है।
कोरोना वायरस का सही उपचार और बचने के उपाय ।Corona virus treatment and prevention measures:-
विशेषज्ञों की पुष्टि के अनुसार इस वायरस के संक्रमण के बाद मरीज पर किसी भी तरह का एंटीबायोटिक काम नहीं करता है। जो एंटीबायोटिक मरीजों हो फ्लू के दौरान दिया जाता है वह एंटीबायोटिक भी इस संक्रमण में अपना असर दिखाता हुआ नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में निम्नलिखित तरीकों से यदि रोगी का पूरा ख्याल रखा जाए तो उसे पहले की तरह स्वस्थ बनाया जा सकता है।
- जो व्यक्ति इस रोग से ग्रसित है उसकी अच्छी तरह से मॉनिटरिंग की जाए। क्योंकि उसके लक्षणों को देखकर ही उसका सही उपचार किया जा सकता है इसलिए नियमित रूप से उस पर नजर रखना बेहद आवश्यक होता है।
- यदि उस मरीज के स्वसन तंत्र में कोई बीमारी होनी आरंभ हो जाती है तो कोशिश करें कि उस व्यक्ति से एक सीमित दूरी बनाकर रखें क्योंकि सांस के जरिए वह संक्रमण आपके अंदर भी जा सकता है।
- जैसा कि आप न्यूज़ के जरिए जान ही चुके हैं कि दुनिया के किन देशों और राज्यों में यह वायरस फैल चुका है तो यदि आप इससे संक्रमित नहीं होना चाहते हैं तो उन राज्यों और देशों में जाने से परहेज करें।
- किसी भी कार्य को करने से पहले और उसको करने के बाद हाथों को अच्छी तरह से कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से धोएं और साथ ही अपने आसपास और खुद की सफाई का पूरा ध्यान रखें।अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
- यदि आपको सर्दी, जुखाम, खांसी या छींक जैसी कोई भी परेशानी है तो इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढक कर खांसी करें और छींके।
- यदि आप कुछ काम कर रहे हैं या घर से बाहर हैं तो ध्यान रखें कि अपने हाथों से अपने नाक, कान और मुंह को बार-बार छूने की कोशिश ना करें।
- यदि आप पब्लिक प्लेस में जाते हैं या पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते हैं तो कोशिश यही रखें कि आप किसी भी प्लेस या जगह पर सोए नहीं और किसी से भी हाथ मिलाने से सतर्क रहें।
- कोरोना वायरस (Corona Virus) से प्रभावित क्षेत्र से आये हुए यात्रियों को अगर लक्षण हो तो, तुरंत कॉल सेंटर अथवा अपने नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर सम्पर्क कर परामर्श/ उपचार/ जाँच जरूर कराये।
- बड़े-बड़े विशेषज्ञों ने इस बीमारी पर जांच पड़ताल करने के बाद सभी रोग ग्रसित लोगों को वे यही सलाह दे रहे हैं कि इसका सबसे मुख्य इलाज यही है कि आप सबसे ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें और उचित नींद लें ।
- एक कमरे में ह्यूमिडिफायर या गर्म पानी से नहाने से गले में खराश या खांसी में मदद मिल सकती है ।
- कोरोना वायरस होने पर स्वयं उपचार नहीं करे, डॉक्टर की सलाह से ही उपचार ले ।
- कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने वाले यात्री N95 मास्क का उपयोग करे और अन्य लोगो से दुरी बनाये ताखे तथा घर से बाहर भर्मण नहीं करे ।
- इंसानों के अलावा कोरोना वायरस जानवरों जैसे सूअर, बिल्लियों, कुत्तों और पक्षियों पर अपना असर दिखा सकता है। इसलिए अपने पालतू पशु और पक्षियों पर भी नजर रखें। उनमें कोई लक्षण नजर आए तो इलाज जरूर करवाएं। साथ ही सलाह दी जा रही है कि गाय और भैंस के दूध को भी अच्छी तरह उबालने के बाद ही उपयोग करें।
फिलहाल अभी तक किसी भी देश के स्वास्थ्य संस्थान द्वारा इस संक्रमण को दूर भगाने का कोई भी पुख्ता इलाज नहीं खोजा गया है। फिलहाल अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की तरफ से यह बयान आया है कि वह निमोनिया जैसे वायरस से लड़ने के लिए एक नया वैक्सीन तैयार कर रहे हैं जिसे 3 महीने का समय तैयार करने में लगेगा और उसका पहला ट्रायल इंसानों पर 3 महीने बाद किया जाएगा।
Post a Comment