Festivalचालीसा आरती और मंत्रपर्व और त्यौहार

बजरंगबली की आरती : आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की

[ads id=”ads1″]





आइए पढ़ें बजरंगबली की पूरी आरती… 

श्री हनुमान जी की आरती | Shri Hanuman Aarti

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥

लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सवारे॥








[ads id=”ads2″]






लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें॥

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
श्री हनुमत – वन्दन
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌। दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌। 
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌। रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ 
मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!