देव उठनी ग्यारसः तुलसी माता की आरती

 


हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु ने तुलसी (वृंदा) से विवाह किया था और उन्हें वरदान दिया था की कोई भी मनुष्य मेरे शालिग्राम रूप के साथ तुलसी का विवाह करेगा उसे इस लोक और परलोक में विपुल यश प्राप्त होगा। आज हम आपके साथ तुलसी जी की आरती हिन्दी तथा इंग्लिश मे साझा कर रहे है आप अपने सुविधा अनुसार कोई भी माध्यम चुन सकतें है। आरती आम तौर पर एक पूजा या भजन सत्र के अंत में किया जाता है। यह पूजा समारोह के एक भाग के रूप में गाया जाता है।


तुलसी माता की आरती से पहले इस स्तुति का पाठ करें-


तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धन तुलसी पूरण तप कीनो, शालिग्राम बनी पटरानी ।

जाके पत्र मंजरी कोमल, श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥

धूप-दीप-नवैद्य आरती,  पुष्पन की वर्षा बरसानी ।

छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन, बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥

सभी सखी मैया तेरो यश गावें, भक्तिदान दीजै महारानी ।

नमो-नमो तुलसी महारानी, तुलसी महारानी नमो-नमो ॥

तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो ।


।। अथ श्री तुलसी जी की आरती ।।


1. माँ तुलसी जी की आरती | Deity Tulsi Aarti in Hindi 


जय जय तुलसी माता

सब जग की सुख दाता, वर दाता

जय जय तुलसी माता


सब योगो के ऊपर, सब रोगों के ऊपर

रुज से रक्षा करके भव त्राता

जय जय तुलसी माता


बहु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या

विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता

जय जय तुलसी माता


हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वन्दित

पतित जनो की तारिणी, तुम हो विख्याता

जय जय तुलसी माता


लेकर जन्म विजन में आई दिव्य भवन में

मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता

जय जय तुलसी माता


हरि को तुम अति प्यारी श्यामवरण सुकुमारी

प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता

जय जय तुलसी माता


1.   Deity Tulsi Aarti in English माँ तुलसी जी की आरती

Jai Jai Tulsi Mata

Sab Jag Ki Sukh Daata, Var Daata

Jai Jai Tulsi Mata


Sab Yogo Ke Upar, Sab Rogo Ke Upar

Ruj Se Raksha Karke Bhav Trata

Jai Jai Tulsi Maata


Bahu Putri He Shyama, Sur Balli Hai Graamya

Vishnu Priye Jo Tumko Seve,So Nar Tar Jaata

Jai Jai Tulsi Mata


Hari Ke Shish Viraajat Tribhuvan Se Ho Vandit

Patit Jano Ki Taarini, Tum Ho Vikhyata

Jai Jai Tulsi Mata


Lekar Janam Vijan Me Aayi Divya Bhavan Me

Maanavlok Tumhi Se Sukh Sampati Paata

Jai Jai Tulsi Mata


Hari Ko Tum Ati Pyaari Shyaamvaran Sukumaari

Prem Ajab Hai Unka Tumse Kaisa Naata

Jai Jai Tulsi Mata


1. माँ तुलसी जी की आरती | Deity Tulsi Aarti in Hindi 


तुलसी महारानी नमो नमो, हरी की पटरानी नमो नमो

तुलसी महारानी नमो नमो, हरी की पटरानी नमो नमो

नमो नमो, नमो नमो, नमो नमो


तुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोधन तुलसी पूरण तप कीनो,

शालिग्राम बनी पटरानी नमो नमोतुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोनमो नमो,

नमो नमो, नमो नमो


तुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोजाके पत्र मंजर कोमल,

श्रीपति कमल चरण लपटानी नमो नमोतुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोनमो नमो, नमो नमो, नमो नमो

तुलसी महारानी नमो नमो, हरी की पटरानी नमो

नमोधुप दीप नैवेद्य आरती,

पुष्पन की वर्षा बरसानी नमो नमोतुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोनमो नमो,

नमो नमो, नमो नमो


तुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोछप्पन भोग छत्तीसो व्यंजन,

बिन तुलसी हरी एक ना मानी नमो नमोतुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोनमो नमो,

नमो नमो, नमो नमो


तुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोसभी सखी मैया तेरो यश गावे,

भक्तिदान दीजै महारानी नमो नमोतुलसी महारानी नमो नमो,

हरी की पटरानी नमो नमोनमो नमो,

नमो नमो, नमो नमो

तुलसी महारानी नमो नमो, हरी की पटरानी नमो नमो


2.   Deity Tulsi Aarti in English माँ तुलसी जी की आरती


Tulsi maharani namo namo

Hari ki patrani namo namo

Tulsi maharani namo namo

Hari ki patrani namo namo

Namo namo namo namo


Tum tulsi puran tap kini

Hari charan kamal laptaani

Namo namo

Tulsi maharani namo namo

Hari ki patrani namo namo

Namo namo namo namo


Tulasi ke patt manjari ko man

Bin tulsi hari ek na maani

Namo namo

Tulsi maharani namo namo

Hari ki patrani namo namo

Namo namo namo namo


Sur nar muni tera dhyan dharat hai

Aagam nigam puran bakhani

Namo namo

Tulsi maharani namo namo

Hari ki patrani namo namo

Namo namo namo namo


Lakshmi maiya tere gun gave

Bhakti daan deeje maharani

Namo namo

Tulsi maharani namo namo

Hari ki patrani namo namo

Namo namo namo namo


Tulsi maharani namo namo

Hari ki patrani namo namo


कैसे करें माँ तुलसी जी की सच्ची आरती ?

यह बात तो सब जानते ही है की संसार पंच महाभूतों—पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना है। आरती में ये पांच वस्तुएं (पंच महाभूत) रहते है...

पृथ्वी की सुगंध- कपूर
जल की मधुर धारा- घी
अग्नि- दीपक की लौ
वायु- लौ का हिलना
आकाश- घण्टा, घण्टी, शंख, मृदंग आदि की ध्वनि

इस प्रकार सम्पूर्ण संसार से ही भगवान की आरती होती है।

मानव शरीर से भी कर सकतें है सच्ची आरती

मानव शरीर भी पंचमहाभूतों से बना है । मनुष्य अपने शरीर से भी ईश्वर की आरती कर सकता है ।

जाने कैसे ?


अपने देह का दीपक, जीवन का घी, प्राण की बाती, और आत्मा की लौ सजाकर भगवान के इशारे पर नाचना—यही सच्ची आरती है। इस तरह की सच्ची आरती करने पर संसार का बंधन छूट जाता है और जीव को भगवान के दर्शन होने लगते हैं।



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