February 2021 Vrat & Festivals List: फरवरी में मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी सहित पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें सूची



फरवरी 2021 में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार पड़ रहे हैं।भारत में विभिन्न धर्मों के पर्व-त्योहारों को लोग बेहद खुशी-खुशी मनाते हैं। हिंदू धर्म में व्रत-त्योहार पूरे विधि-विधान से मनाए जाते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक फरवरी माह की शुरुआत माघ महीने के साथ हो रही है जिसे सनातन धर्म में विशेष माना गया है। सोमवार से शुरू हो रहे इस महीने के पहले दिन को माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन सकट चौठ का पारण भी है।इस महीने मौनी अमावस्या से लेकर बसंत पंचमी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे।वहीं 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा और गुरु रविदास जयंती इस महीने के आखिरी व्रत/त्योहार हैं।आइए जानते हैं फरवरी माह में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों की सूची-  


तारीखव्रत एवं त्योहार
 4 फरवरी 2021कालाष्टमी
07 फरवरी 2021षट्तिला एकादशी
09 फरवरी 2021भौम प्रदोष व्रत
10 फरवरी 2021मासिक शिवरात्रि
11 फरवरी 2021मौनी अमावस्या
12 फरवरी 2021माघ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, कुंभ संक्रांति
14 फरवरी 2021गौरी तृतीया व्रत
15 फरवरी 2021गणेश जयंती/विनायक चतुर्थी/वरदतिलकुंद चतुर्थी
16 फरवरी 2021बसंत पंचमी/सरस्वती पूजा
19 फरवरी 2021नर्मदा जयंती, अचला सप्तमी, शिवाजी जयंती
20 फरवरी 2021दुर्गाष्टमी, भीष्म अष्टमी
21 फरवरी 2021माघ गुप्त नवरात्रि समापन
23 फरवरी 2021जया एकादशी व्रत
24 फरवरी 2021भीष्म द्वादशी, प्रदोष व्रत
26 फरवरी 2021हज़रत अली का जन्मदिन
27 फरवरी 2021माघ पूर्णिमा/दांडारोपिणी पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती
28 फरवरी 2021सर्वार्थसिद्धि योग

षट्तिला एकादशी: 


माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षट्तिला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 7 फरवरी को मनाया जाएगा। इस एकादशी में तिल का विशेष महत्व है। व्रत के नाम से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसमें तिल को 6 तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है। जल में तिल मिलाकर स्नान करें, तिल से बने प्रसाद ग्रहण करें। इस दिन तिल से हवन और उससे बने उबटन, तिलोदक और तिल का दान करना शुभ है।इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। कुछ लोग बैकुण्ठ रूप में भी भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। षटतिला एकादशी पर तिल का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन 6 प्रकार से तिलों का उपोयग किया जाता है। इनमें तिल से स्नान, तिल का उबटन लगाना, तिल से हवन, तिल से तर्पण, तिल का भोजन और तिलों का दान किया जाता है, इसलिए इसे षटतिला एकादशी व्रत कहा जाता है।

षटतिला एकादशी व्रत मुहूर्त 2021

षटतिला एकादशी पारणा मुहूर्त : 07:05:20 से 09:17:25 तक 8, फरवरी को
अवधि : 2 घंटे 12 मिनट

भौम प्रदोष व्रत:


माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से और भगवान शिव को पूजने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार जिस बार ये व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। फरवरी माह में ये व्रत 9 तारीख को रखा जाएगा।

मौनी अमावस्या: 


हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। 11 फरवरी को इस साल ये व्रत रखा जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार माघी अमावस्या के ऋषि मनु का जन्म हुआ था। मनु शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है, इसलिए इस दिन को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास में होने वाले स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

माघ अमावस्या मुहूर्त 2021

फरवरी 11, 2021 को 01:10:48 से अमावस्या आरम्भ
फरवरी 12, 2021 को 00:37:12 पर अमावस्या समाप्त

बसंत पंचमी: 


इस साल बसंत पंचमी 16 फरवरी को मनाई जाएगी।देशभर में बसंत पंचमी का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, बसंत पंचमी का त्योहार आते ही कड़कड़ाती ठंड का अंत हो जाता है और बसंत ऋतु का आगमन होने लगता है। माघ महीने की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दौरान मौसम का सुहावना होना वातावरण को और रूमानी कर देता है, वसंत पंचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, और इस दिन सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है।

बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 2021

16 फरवरी, मंगलवार : सुबह 6 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 35 मिनट तक
अवधि : 5 घंटे 36 मिनट तक

जया एकादशी

जया एकदाशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। पूजन में भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली तथा विशिष्ट सुगंधित पदार्थों अर्पित करना चाहिए। जया एकादशी का यह व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है।

जया एकादशी व्रत मुहूर्त 2021

जया एकादशी पारणा मुहूर्त : 06:51:55 से 09:09:00 तक 24, फरवरी को
अवधि : 2 घंटे 17 मिनट

माघ पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है। माघ पूर्णिमा पर माघ स्नान का विशेष महत्व बताया गया है।

माघ माह में चलने वाला यह स्नान पौष मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर माघ पूर्णिमा तक होता है। तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का अंतिम दिन माघ पूर्णिमा ही है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान करने वाले मनुष्यों पर भगवान माधव प्रसन्न रहते हैं तथा उन्हें सुख-सौबाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।

माघ पूर्णिमा व्रत मुहूर्त 2021

फरवरी 26, 2021 को 15:51:46 से पूर्णिमा आरम्भ
फरवरी 27, 2021 को 13:48:45 पर पूर्णिमा समाप्त

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