शिवरात्रि शिव और शक्ति के आराधना का महान पर्व है। इस पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। माना जाता है कि शिवरात्रि के मध्य रात्रि में भगवान शिव एक लिंग के रुप में प्रकट हुए थे। यह रात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की मध्य रात्रि थी। तब से इस पर्व को हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महा शिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाता है। परंतु इसके अलावा हर माह में एक शिवरात्रि की तिथि पड़ती है। जिसे मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। मासिक शिवरात्रि के बारे में माना जाता है कि यह पर्व क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाओं पर काबू पाने में मदद करता है। वैदिक पंचांग के अनुसार साल में कुल बारह मासिक शिवरात्रि पड़ती है। आगे लेख में मासिक शिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है, इसका क्या महत्व है, इसकी पूजा विधि क्या है और इस वर्ष यह पर्व बारहों माह में किन तिथियों पर पड़ने वाला है इसकी जानकारी दी जा रही है।
मासिक शिवरात्रि पर्व
शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का एक पर्व है। हिंदू पंचाग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह पर्व न केवल उपासक को अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि उसे क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाओं को रोकने में भी मदद करता है। मासिक शिवरात्रि हर महीने मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार साप्ताहिक त्योहारों में भगवान शिव को सोमवार का दिन समर्पित किया गया है।
वैसे तो साल में एक बार मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन इसके अलावा भी वर्ष में कई शिवरात्रियाँ आती हैं जिन्हें प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाते हैं। अमांत पंचांग के अनुसार माघ महीने में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि कहा जाता है। लेकिन पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने की मासिक शिवरात्रि को महाशिवरात्रि की मान्यता प्राप्त है।
हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है। जहाँ शिव के भक्त साल में एक बार बड़ी ही धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाते हैं वहीं भोलेनाथ की आराधना में प्रत्येक महीने एक मासिक शिवरात्रि मनाने की भी परंपरा हैं। शिवरात्रि हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे न केवल 1 या 2 क्षेत्र के लोग मनाते हैं बल्कि पूरे देश भर में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
हिंदू धर्म में शिव की महिमा का बड़ा महत्व है। शिव जी के असंख्य भक्त इस दिन उनकी महिमा गुणगान करते हैं। शिव पुराण में शिवरात्रि का विस्तार से वर्णन है।शिव पुराण के अनुसार जो भी सच्चे मन से इस व्रत को करता है उसकी सारी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन की महिमा के बारे में यह भी कहा जाता है कि वो कन्याएं जो मनोवांछित वर पाना चाहती हैं इस व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है और उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि इस व्रत का पालन इंद्राणी, देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, मां सीता, माता पार्वती ने किया है। जिसके फलस्वरूप उनकी मनोकामना पूर्ण हुई।
मासिक शिवरात्रि 2021 मुहूर्त
माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ आज 09 फरवरी की देर रात 02 बजकर 05 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन 10 फरवरी की देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक शिवरात्रि 10 फरवरी को मनाई जाएगी। बुधवार को व्रत रखा जाएगा।
मासिक शिवरात्रि 2021 पूजा मुहूर्त
जो लोग फरवरी की मासिक शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, उनको भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा के लिए 52 मिनट का शुभ समय प्राप्त हो रहा है। शिवरात्रि के दिन देर रात 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट के मध्य पूजा का शुभ मुहूर्त है।
मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
हर महीने आने वाले इस पर्व को प्रत्येक सम्प्रदाय के हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। हममें से कई लोग मासिक शिवरात्रि का व्रत भी रखते हैं। वो भक्त जो मासिक शिवरात्रि करने की इच्छा रखते हैं उन्हें मासिक शिवरात्रि का प्रारम्भ महाशिवरात्रि के दिन से करना चाहिए। इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों कर सकते है। श्रद्धालुओं को शिवरात्रि की रात को जाग कर शिव जी की पूजा करनी चाहिए। तो आइये जानते हैं मासिक शिवरात्रि पूजा विधि के बारे में विस्तार से–
- मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें।
- अब आप किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें।
- सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं।
- अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ़ किये होने चाहिए।
- अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें।
- शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें।
- संध्या के समय आप फलहार कर सकते हैं। उपासक को अन्न ग्रहण नही करना चाहिए।
- अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें।
इस बात का ध्यान रखें कि व्रत और उसका उद्यापन विधिवत तरीके से किया जाना चाहिए। शिवरात्रि के पूजन समय मध्य रात्रि के समय होता है। भगवान् शिव की पूजा रात को 12 बजे के बाद करें और पूजा के समय श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। ऐसा करने से उपासक की आर्थिक परेशानी दूर होती हैं। यदि कोई भी सच्चे मन और पूरी निष्ठा से भगवान की पूजा और उनका स्मरण करेगा उसे मनोवांछित फल अवश्य प्राप्त होगा। आपको बता दें कि इस दिन सफेद वस्तुओं का दान करने की अधिक महिमा होती है, जिससे आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी। यह भी कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पार्वती की पूजा व्यक्ति को हर तरह के कर्जों से मुक्ति दिलाती है।
मासिक शिवरात्रि व्रत कथा
जिस तरह हर व्रत आदि के पीछे कोई न कोई कथा होती है वैसे ही मासिक शिवरात्रि करने के पीछे भी एक कथा है। आइये जानते हैं मासिक शिवरात्रि व्रत कथा के बारे में–
पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि के समय शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। जिसके बाद सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने उनकी पूजा की थी। उस दिन से लेकर आज तक इस दिन को भगवान शिव जन्म दिवस के रूप में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन शिव पूजन का खास महत्व है। बहुत से पुराणों में भी शिवरात्रि व्रत का ज़िक्र किया गया है। शास्त्रों के अनुसार अपने जीवन के उद्धार के लिए माता लक्ष्मीं, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति जैसी बहुत-सी देवियों और रानियों ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था।
मासिक शिवरात्रि जीवन में सुख और शांति प्रदान करता है और भगवान शिव की कृपा दृष्टि से उपासक के सारे बिगड़े काम बन जाते है। यह व्रत संतान प्राप्ति, रोगों से मुक्ति के लिए भी किया जाता है।
बोलिये शिव शंकर महादेव की जय !! माँ पार्वती की जय !!
मासिक शिवरात्रि तिथि व मुहूर्त 2021
मासिक शिवरात्रि - तिथि - जनवरी 11, 2021, दिन - सोमवार – मुहूर्त समय - 00:02 बजे से 00:56 बजे, (जनवरी 12) तक
मासिक शिवरात्रि – तिथि - फरवरी 10, 2021, दिन – बुधवार – मुहूर्त समय - 00:09 बजे से 01:01 बजे, (फरवरी 11) तक
महा शिवरात्रि – तिथि - मार्च 11, 2021, दिन - बृहस्पतिवार – मुहूर्त समय - 00:06 बजे से 00:55 बजे, (मार्च 12) तक
मासिक शिवरात्रि – तिथि - अप्रैल 10, 2021, दिन - शनिवार - मुहूर्त समय - 23:59 बजे से 00:45 बजे, (अप्रैल 11) तक
मासिक शिवरात्रि - तिथि - मई 9, 2021, दिन – रविवार - मुहूर्त समय - 23:56 बजे से 00:38 बजे, (मई 10) तक
मासिक शिवरात्रि - तिथि - जून 8, 2021, दिन - मंगलवार - मुहूर्त समय- 00:00 बजे से 00:40 बजे, (जून 09) तक
मासिक शिवरात्रि – तिथि - जुलाई 8, 2021, दिन – बृहस्पतिवार - मुहूर्त समय - 00:06 बजे से 00:47 बजे, (जुलाई 09) तक
श्रावण शिवरात्रि – तिथि - अगस्त 6, 2021, दिन – शुक्रवार - मुहूर्त समय - 00:06 बजे से 00:48 बजे, (अगस्त 07) तक
मासिक शिवरात्रि – तिथि - सितम्बर 5, 2021, दिन – रविवार - मुहूर्त समय - 23:57 बजे से 00:43 बजे, (सितम्बर 06) तक
मासिक शिवरात्रि – तिथि - अक्टूबर 4, 2021, दिन – सोमवार - मुहूर्त समय - 23:45 बजे से 00:34 बजे, (अक्टूबर 05) तक
मासिक शिवरात्रि – तिथि - नवम्बर 3, 2021, दिन – बुधवार - मुहूर्त समय - 23:39 बजे से 00:31 बजे, (नवम्बर 04) तक
मासिक शिवरात्रि – तिथि - दिसम्बर 2, 2021, दिन – बृहस्पतिवार - मुहूर्त समय - 23:44 बजे से 00:38 बजे, (दिसम्बर 03) तक
शिवशंकर महादेव जी की जय। 🙏🏻माता पार्वती जी की जय।🙏🏻🌿🌿🌿🌿🌿🌺🌺🌺🌺🌺
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