कन्या पूजा : अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करना मंगलकारी माना जाता है। |
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन दिनों पूरा भारत घर की लक्ष्मण रेखा के अंदर ही रह रहा है।शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का यह उत्सव अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। नवरात्र के आठवें और नौवें दिन यानी कि अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन कर व्रत का पारण किया जाता है।आप अपनी सुविधानुसार अष्टमी या नवमी में से कोई भी दिन चुन कर कन्या पूजन कर सकते हैं। कन्या पूजन के लिए नौ कन्याओं की पूजा करने का विधान है। यही नहीं जो लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं रख पाते हैं वे भी अष्टमी या नवमी का व्रत रखते हैं और कंजक पूजा भी करते हैं। इसी बीच कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लोगों के मन में कई तरह की दुविधा है। चैत्र नवरात्रि में माता के पूजन, मंदिर, भोग का इंतजाम तो भक्तों ने कर लिया है। लेकिन अब सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिरकार लॉकडाउन के बीच कन्या पूजन कैसे किया जाए ?
कैसे करे गोद भराई ?
नवरात्री के इस पावन पर्व में हमारे देश में कई क्षेत्रों में माता की गोद भराई का भी प्रचलन है। इसमें महिलाएं अष्टमी या नवमीं के दिन नवरात्र के पूजा पंडाल या माता के मंदिर में जाकर गोद भरती हैं लेकिन इस चैत्र नवरात्रि में परिस्थितियां बेहद अलग हैं। सम्पूर्ण विश्व में कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण फैल रहा है। जिसके चलते हमारे देश भारत में भी कुछ जगहों पर लॉकडाउन किया गया है। यही कारण है कि नवरात्र के इस पावन पर्व के दौरान न कोई पूजा पंडाल बना है, न ही किसी मंदिर के कपाट खोले जा रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में आप गोद भरने की परंपरा को घर पर कर सकते हैं। हमारे शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है कि गोद भरने की रस्म घर पर भी कर सकते हैं। इसके लिए माता की मूर्ति या फोटो के सामने एक लाल वस्त्र में चावल, सिंदूर, हल्दी, माता के श्रृंगार का सामान, काजल, बिंदी और पैसे रखकर प्रार्थना करें। आप चाहें तो इसे अपने पास भी रख सकते है या फिर इसे किसी सुहागन स्त्री को भेंट कर दें।
विषम संख्या में किया जाता है कन्या पूजन:-
शास्त्रानुसार नवरात्र में 1, 3, 5 यानि की विषम संख्या में अपनी क्षमता के अनुसार कन्या को घर पर आमंत्रित करना चाहिए। आमंत्रण के पश्चात उन्हें भोजन करवाना चाहिए। कोरोना वायरस महामारी के कारण लोग एक दूसरे के घर नहीं जा पा रहे हैं ऐसे में कन्या को भोजन के लिए आमंत्रित करना मुश्किल है। ऐसे में आप कुछ उपायों को अपनाकर कन्या पूजन भी कर सकते हैं और माता रानी को खुश भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं बिना कन्या या सिर्फ 1 कन्या के साथ कैसे किया जा सकता है कन्या पूजन।
बेटी, भतीजी के साथ करें पूजन :-
घर की बाहर की कन्याओं को इस बार की नवरात्रि में आमंत्रित करना संभव नहीं है, ऐसे में आप घर में ही मौजूद 7 वर्ष तक की आयु वाली कन्या :- बेटी या भतीजी के साथ कन्या पूजन कर सकते हैं। घर की बेटियों के साथ कन्या का पूजन करने से पहले मंदिर के सामने दीपक जलाएं और हाथों में थोड़ा सा जल लेकर मां दुर्गा के सामने संकल्प लें कि इस नवरात्रि में आप अपनी बेटी को माता का अंश मानकर कन्या पूजन कर रहे हैं। संकल्प के बाद पानी को पूरे घर में छिड़क दें। इसके बाद विधि अनुसार, कन्या को आसन पर बिठाएं, उसके माथे पर तिलक लगाएं और फिर मीठा भोजन जैसे हलवा, पूड़ी और चने खिलाएं। इसके पश्च्यात कन्या को दान, दक्षिणा भेंट करें, माता रानी आप पर कृपा बरसाएंगी।
घर में न हो कन्या तब क्या करें ?
अगर आप के घर में कोई छोटी उम्र की कन्या मौजूद न हो तो ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं। माता को प्रसन्न करने के लिए घर के मंदिर में मौजूद माता की विधि विधान से पूजन करें और माता को विभिन्न प्रकार के भोग समर्पित करें। इसके पश्च्यात माता को भेंट सामग्री अर्पित करें। प्रसाद का कुछ हिस्सा माता का ध्यान करते हुए गाय को खिला दें।ध्यान रहे कि माता को वही प्रसाद अर्पित करें जो लंबे समय तक खराब नहीं होते हैं। ऐसे में आप प्रसाद के तौर पर सूखे मेवे, मखाना, मिसरी को अर्पित कर सकते हैं। माता को प्रसाद अर्पित करके उसे रख लें। बाद में आपको जब भी मौका मिलें इस प्रसाद को कन्या में बांट दें ।यदि आपके घर के आस पास ऐसा कोई गरीब और असहाय व्यक्ति रहता हो जो लॉकडाउन के कारण भोजन पानी का प्रबंध करने में असमर्थ हो, तो ऐसी विषम परिस्थिति में उसकी मदद अवश्य करें। विषम परिस्थिति में जो व्यक्ति अन्य व्यक्ति के काम आता है उस पर भगवान हमेशा कृपा करते हैं।
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