भारत उत्सवों का देश है। यहां हर माह कोई न कोई उत्सव मनाया जाता है। सितंबर माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आएंगे।हालांकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये भादों मास चल रहा है। इस महीने में मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। इस माह की शुरूआत में अजा एकादशी व्रत रखा जाएगा। धार्मिक रूप से यह एकादशी व्रत महत्वपूर्ण होती है। इसके साथ ही सितंबर माह में ही हरतालिका तीज पर्व मनाया जाएगा। यह सुहागिन महिलाओं का महत्वपूर्ण पर्व है। इसी महीने गणेश चतुर्थी आएगी। यह उत्सव संपूर्ण भारत में मनाया जाता है। इसी महीने श्राद्ध पक्ष भी प्रारंभ हो रहे हैं। पितरों के तर्पण के लिए श्राद्ध की अवधि महत्वपूर्ण मानी जाती है। वहीं विश्वकर्मा जयंती भी सितंबर माह में मनाई जाएगी। सनातन धर्म में भगवान विश्वकर्मा का महत्वपूर्ण स्थान है। सितंबर माह में पर्यूषण, भाद्रपद अमावस्या, भाद्रपद पूर्णिमा, परिवर्तिनी एकादशी, कन्या संक्रांति, अनंत चतुर्दशी जैसे प्रमुख व्रत त्योहार आएंगे।अगर आप आने वाले प्रमुख त्योहारों की तारीख से अवगत नहीं हैं तो ज्यादा सोचने की आवश्यकता नही है, क्योंकि यहां पर हम आपको सितंबर माह में हिन्दू धर्म के अनुसार पड़ने वाले प्रमुख त्योहार के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं सितंबर माह के प्रमुख व्रत त्योहार एवं उनकी तिथियां -
अजा एकादशी 2021
जैसा की हमने पहले ही बता दिया है कि सितंबर माह में त्योहारों का आरंभ अजा एकादशी से हो रहा है। 3 सितंबर को कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस वर्ष इस दिन पुष्य नक्षत्र भी रहेगा इसलिए ये दिन व्रत रखने के लिए बहुत ही फलदायी और शुभ माना गया है। इस खास दिन अगर आप भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना करते हैं और व्रत रखते हैं तो आपकी सारी मनोंकामनाएं पूरी होती हैं।
प्रदोष व्रत 2021
इस साल 4 सितंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह व्रत पूर्णतः भगवान शिव जी को समर्पित होता है। अगर आपकी कुंडली में चंद्र दोष है तो प्रदोष व्रत रखना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह व्रत कुंडली में चंद्र दोष का निवारण करता है। इस बार यह व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है, वहीं अगर शनिदोष से मुक्ति चाहते हैं तो यह व्रत आपके लिए हितकारी साबित हो सकता है। इस दिन भगवान शिव जी की श्रध्दापूर्वक पूजा करते हैं तो आपको शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी।
पिठौरी अमावस्या 2021
हिन्दू धर्म के अंतर्गत पिठौरी अमावस्या का बहुत महत्व माना गया है। भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठौरी अमावस्या कहा जाता है। पिठौरी अमावस्या इस साल 6 सितंबर 2021 दिन सोमवार को पड़ रही है। इस खास दिन अगर आप व्रत रखते हैं तो इससे आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली कठिनाईयों से मुक्ति मिलती है। इस अमावस्या को कुशाग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है।
हरतालिका तीज 2021
हर साल भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनायी जाती है। इस बार यह तिथि 9 सितंबर 2021 दिन गुरूवार को पड़ रही है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और 16 श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा करती हैं।
गणेश उत्सव 2021
गणेश उत्सव का आरंभ हर साल भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होता है। हर साल यह 10 दिवसीय गणेशोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल इस उत्सव का प्रारंभ 10 सितंबर 2021 से 10 दिनों के लिए प्रारंभ 19 सितंबर 2021 तक रहेगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को ही गणेशजी का जन्म हुआ था और इसी तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
ऋषि पंचमी व्रत 2021
हर बार ऋषि पंचमी हरतालिका तीज के दो दिन बाद और गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद पड़ती है। लेकिन इस बार यह पर्व 11 सितंबर को है। यह पंचमी मुख्य रूप से सप्तर्षि के रूप में प्रसिध्द सात महान ऋषियों को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन का व्रत मानव जीवन के समस्त पापों को समाप्त करता है।
संतान सप्तमी व्रत 2021
हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन इस व्रत को रखा जाता है। इस साल यह व्रत 13 सितंबर 2021 दिन सोमवार को पड़ रही है। इस व्रत को केवल दोपहर तक ही किया जाता है। व्रत के दौरान शिव पार्वती जी की पूजा करने से संतान प्राप्ति के साथ उसकी रक्षा की भी कामना की जाती है। व्रत के बाद खीर पुरी और गुड़ के पुए खाए जाते हैं।
राधाष्टमी 2021
जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है कि कृष्णाप्रिया राधा का जन्मदिन के रूप में इस तिथि को मनाया जाता हैं। इस पर्व को कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 14 सितंबर 2021 दिन मंगलवार को दस्तक देने जा रहा है। इस दिन वृंदावन के पास स्थित बरसाना में वृषभानु और कीर्ति के यहां राधा का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से राधा की तरह प्रेम की प्राप्ति होती है।
विश्वकर्मा पूजा 2021
हर साल भाद्रपद की एकादशी को शिल्पकार और वास्तुकार विश्वकर्मा भगवान की विधि विधान से पूजा आराधना करते हैं। इस बार विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार को मनायी जाएगी। इस दिन दुनिया के सबसे पहले आर्किटेक माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा का प्राकट्य हुआ था।
कन्या संक्रांति 2021
कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2021 को है। इस दिन सूर्य ग्रह सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में सूर्य ग्रह उच्च के होते हैं। सिंह संक्रांति के दिन सूर्य की उपासना करने का विधान है।
परिवर्तनी एकादशी 2021
हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जगत पालनहार भगवान विष्णुजी की उपासना की जाती है। इस साल यह 17 सितंबर को मनाई जाएगी।
शनि प्रदोष व्रत 2021
18 सितंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह शनि प्रदोष व्रत होगा। मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है।
अनंत चतुर्दशी 2021
यह दिन गणेश उत्सव के समापन का दिन माना जाता है इसलिए इस साल यह तिथि 19 सितंबर 2021 दिन रविवार को पड़ रही है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत देव की पूजा आराधना की जाती है साथ ही इस दिन गणेश उत्सव का समापन भी किया जाता है। यह दिन हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने हाथ में अनंत भी बांधते हैं।
भाद्रपद पूर्णिमा 2021
हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में आने वाली पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहते हैं। इस साल यह पूर्णिमा 20 सितंबर 2021 दिन सोमवार को पड़ रही है। धार्मिक दृष्टि से इस तिथि का विशेष महत्व होता है।
श्राद्ध प्रारंभ 2021
हिंदू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व है। इस वर्ष श्राद्ध 20 सितंबर से शुरू होकर 06 अक्तूबर तक चलेंगे। मान्यता है पितृगण हमारे लिए देवतुल्य होते हैं इस कारण से पितृ पक्ष में पितरों से संबंधित सभी तरह के कार्य करने पर वे हमें अपना आशीर्वाद देते हैं।
संकष्टी चतुर्थी 2021
संकष्टी चतुर्थी व्रत 24 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार को है। हिन्दू पंचांग के प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है।
कालाष्टमी
भादौ मास का कालाष्टमी व्रत 28 सितंबर 2021 दिन मंगलवार को रखा जाएगा। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। इस दिन शिव शंकर के रुद्र स्वरूप भगवान काल भैरव की पूजा और उपवास करने का विधान है।
सितम्बर 2021 में आने वाले गोचर:-
06 सितंबर- शुक्र का तुला राशि में गोचर और मंगल का कन्या राशि में गोचर
14 सितंबर- गुरु का मकर राशि में गोचर
17 सितंबर- सूर्य का कन्या राशि में गोचर
22 सितंबर- बुध का तुला राशि में गोचर
27 सितंबर- बुध का तुला राशि में वक्री गोचर
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