2022 में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार पड़ रहे हैं।भारत में विभिन्न धर्मों के पर्व-त्योहारों को लोग बेहद खुशी-खुशी मनाते हैं। हिंदू धर्म में व्रत-त्योहार पूरे विधि-विधान से मनाए जाते हैं।अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी साल का दूसरा माह है। लेकिन हिंदू कैलेंडर का के अनुसार फरवरी साल का ग्याहरवां माह है। 16 फरवरी को माघ मास (Magh Month 2022) की समापन होगा और 17 फरवरी से फाल्गुन माह (Falgun Month 2022) की शुरुआत होगी। इस तरह माघ माह का आधा महीना फरवरी में फाल्गुल का आधा महीना फरवरी में निकलेगा।
माघ माह और फाल्गुन माह में व्रत (Magh Falgun Month Vrat) और त्योहारों की भरमार है। कुछ ही दिनों में फरवरी माह की शुरुआत हो जाएगी। आइए जानते हैं फरवरी माह में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों की सूची-
हिन्दू कैलेंडर 2022 के व्रत, त्यौहार एवं जयंती
दिनांक | दिन | त्यौहार, व्रत एवं जयंती |
---|---|---|
01 फरवरी | मंगलवार | माघ अमावस्या, मौनी अमावस्या, भौमवती अमावस्या |
02 फरवरी | बुधवार | चंद्र दर्शन, माघ नवरात्रि, शिशिर ऋतु |
04 फरवरी | शुक्रवार | गणेश जयंती, विश्व कैंसर दिवस, विनायक चतुर्थी |
05 फरवरी | शनिवार | वसंत पंचमी |
06 फरवरी | रविवार | स्कंध षष्ठी |
07 फरवरी | सोमवार | रथ सप्तमी, नर्मदा जयंती |
08 फरवरी | मंगलवार | मासिक दुर्गाष्टमी, भीष्म अष्टमी |
09 फरवरी | बुधवार | मासिक कार्तिगाई, महानंदा नवमी |
10 फरवरी | गुरुवार | रोहिणी व्रत |
12 फरवरी | शनिवार | जया एकादशी |
13 फरवरी | रविवार | भीष्म द्वादशी, कुम्भ संक्राति |
14 फरवरी | सोमवार | प्रदोष व्रत, वेलेंटाइन दिवस |
15 फरवरी | मंगलवार | हज़रत अली का जन्मदिन |
16 फरवरी | बुधवार | माघ पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती, ललिता जयंती, श्री सत्यनारायण व्रती, माघ स्नान अंत |
17 फरवरी | गुरुवार | ईस्टी, फाल्गुन प्रारंभ *उत्तर |
18 फरवरी | शुक्रवार | अटूटकल पोंगल |
20 फरवरी | रविवार | द्वीजप्रिय संकष्टी चतुर्थी |
22 फरवरी | मंगलवार | यशोदा जयंती |
23 फरवरी | बुधवार | शबरी जयंती, कालाष्टमी, बुद्ध अष्टमी व्रत |
24 फरवरी | गुरुवार | जानकी जयंती |
26 फरवरी | शनिवार | विजया एकादशी, महर्षि दयानंद जयंती |
27 फरवरी | रविवार | गौण विजया एकादशी, वैष्णव विजया एकादशी |
28 फरवरी | सोमवार | प्रदोष व्रत |
इन त्योहारों का है विशेष महत्व
मौनी अमावस्या:
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। 1 फरवरी को इस साल ये व्रत रखा जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार माघी अमावस्या के ऋषि मनु का जन्म हुआ था। मनु शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है, इसलिए इस दिन को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास में होने वाले स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
मौनी अमावस्या 2022 तिथि व मुहूर्त
मौनी अमावस्या मंगलवार, 01 फरवरी 2022
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 21 जनवरी 2022 को दोपहर 14 बजकर 18 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त - 01 फरवरी 2022 को सुबह 11 बजकर 15 मिनट तक
गुप्त नवरात्रिः
मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि साल में 4 बार आते हैं। दो गुप्त नवरात्रि और शरद नवरात्रि और चौत्र नवरात्रि। साल भर में आने वाले इन चारों नवरात्रि का अपना अलग महत्व है। फरवरी के माह की शुरुआत का पहला व्रत गुप्त नवरात्रि का रखा जाएगा। इसमें विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
बसंत पंचमी:
इस साल बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाई जाएगी।देशभर में बसंत पंचमी का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, बसंत पंचमी का त्योहार आते ही कड़कड़ाती ठंड का अंत हो जाता है और बसंत ऋतु का आगमन होने लगता है। माघ महीने की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दौरान मौसम का सुहावना होना वातावरण को और रूमानी कर देता है, वसंत पंचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, और इस दिन सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है।
बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 2022
पूजा मुहूर्त - 07:11 से 12:36 बजे तक
पंचमी तिथि का आरंभ - 03:46 बजे से (5 फरवरी 2022)
पंचमी तिथि समाप्त - 03:46 बजे (6 फरवरी 2022) तक
अचला सप्तमी :
माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी और रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने और दान पुण्य करने से व्यक्ति को आयु, आरोग्य और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
माघी पूर्णिमा :
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। माघी पूर्णिमा के दिन स्वयं भगवान विष्णु गंगा नदी में निवास करते हैं। इस दिन पवित्र नदियों के घाट पर उत्सव जैसा माहौल होता है। माघी पूर्णिमा 16 फरवरी के दिन है।
जया एकादशी :
जया एकदाशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। पूजन में भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली तथा विशिष्ट सुगंधित पदार्थों अर्पित करना चाहिए। जया एकादशी का यह व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है।
2022 में जया एकादशी तिथि व मुहूर्त
जया एकादशी तिथि – 12 फरवरी 2022, शनिवार
पारण का समय – प्रातः 07:01 बजे से 09:15 बजे तक (13 फरवरी 2022)
एकादशी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 11, 2022 को दोपहर 13:52 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त - फरवरी 12, 2022 को दोपहर 16:27 बजे तक
माघ पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है। माघ पूर्णिमा पर माघ स्नान का विशेष महत्व बताया गया है।
माघ माह में चलने वाला यह स्नान पौष मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर माघ पूर्णिमा तक होता है। तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का अंतिम दिन माघ पूर्णिमा ही है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान करने वाले मनुष्यों पर भगवान माधव प्रसन्न रहते हैं तथा उन्हें सुख-सौबाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।
माघ पूर्णिमा व्रत मुहूर्त 2022
2022 में माघी पूर्णिमा की तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 16 फरवरी को है।
पूर्णिमा तिथि आरंभ - रात 21 बजकर 42 मिनट ( 15 फरवरी 2022) से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - रात 22 बजकर 25 मिनट (16 फरवरी 2022) तक
प्रदोष व्रत :
हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। ये व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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