होली का नाम सुनते ही रंगों और मस्ती का माहौल याद आ जाता है। होली में रंग खेले बगैर रहें तो होली एकदम अधूरी सी लगती है। होली में कई प्रकार के रंगों का प्रयोग होता है, जिनका असर कई दिनों तक कम नहीं होता है। बेशक रंग खेलने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन ये रंग स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं। बाजार के रंगों में इतना ज्यादा केमिकल का प्रयोग होता है कि वह हेल्थ के लिए बहुत खतरनाक होता है और कई रंग तो एलर्जी पैदा करते हैं।
कैसे बनाएं प्राकृतिक रंग
प्राकृतिक जडी-बूटियों और फूल पत्तियों को मिलाकर रंग तैयार कर इको फ्रेंडली होली का मजा लीजिए। आईए हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने घर में ही रंग तैयार कर सकते हैं :
🌹लाल रंग:
- लाल चंदन के पाउडर को लाल रंग के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें पानी मिलाकर लाल गीला रंग बनाया जा सकता है। लाल रंग बनाने के लिए दो चम्मच लाल चंदन की लकड़ी का पाउडर पांच लीटर पानी में मिलाकर उबालें और उसमें बीस लीटर पानी मिला लें
- टमाटर और गाजर के रस को पानी में मिलाकर भी होली खेली जा सकती है।
- लाल अनार के छिलकों को मजीठे के पेड की लकडी के साथ उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है।या लाल अनार के दानों को पानी में उबालले या चुकंदर पीसकर पानी में उबालें, इसे घिसकर पानी में उबाल लें और लाल रंग तैयार है।
🌳 हरा रंग:
- गेहूं के पौधे, पुदीना, धनिया व पालक की पत्तियों को सुखाकर पीस लें और हरे गुलाल की तरह इस्तेमाल करें। सूखी मेंहदी त्वचा पर लगने पर कोई नुकसान भी नहीं होता है।गीला रंग के लिए दो लीटर पानी में दो चम्मच मेहंदी पाउडर डालकर अच्छी तरह से घोल लें, इसमें धनिया, पालक, पुदीना आदि की पत्तियों का पाउडर मिलाकर हरा रंग तैयार कर सकते हैं।
🍇 जामुनी रंग:
- एक किलोग्राम चुकंदर को पीस कर एक लीटर पानी में डालकर रात भर छोड़ दें. इससे जामुनी रंग तैयार हो जायेगा।
🍊नारंगी रंग:
- गुलाल के लिए दो चम्मच हल्दी पाउडर में चार चम्मच बेसन मिलाएं।
- नारंगी रंग बनाने के लिए रात भर मेहंदी की पत्तियों को पानी में डालकर छोड़ दें और सुबह उस पानी से होली खेलें।
🦋 नीला रंग:
- नीले गुलमोहर की पत्तियों को सुखाकर बारीक पीसने पर नीला गुलाल भी बनाया जा सकता है, इसके अलावा इसका पेस्ट बनाकर नीला रंग बनाया जा सकता है।
- नीले रंग का गुलाल तैयार करने के लिए जकरांदा के फूल को सुखाकर पाउडर बना सकते हैं।
♠️काला रंग:
- आंवले को लोहे के बर्तन में रातभर के लिए भिगो दो। सुबह आंवलों को पानी से निकाल कर अलग कर दो। आंवले के पानी में थोड़ा और पानी मिलाकर प्राकृतिक रंग तैयार किया जा सकता है।
🍁 कत्थई रंग:
- काले अंगूर के रस को पानी में मिलाएं या हल्दी पाउडर को थोड़े से बेकिंग सोडा के साथ मिलाकर कत्थई रंग तैयार किया जा सकता है।
🌿हरा रंग :
- नीम की पत्तियों को पीसकर तैयार हुआ पेस्ट से हरा रंग बना सकते हैं। इस पेस्ट को पानी में मिलाकर की रंग खेला जा सकता है। यह फेसपैक की तरह भी काम करेगा। नीम एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जिक होने के कारण स्किन के लिए फायदेमंद है व इससे कील, मुंहासों की समस्या में राहत देता है।
- नीम की पत्तियों को सुखाकर इसके पाउडर को भी गुलाल की तरह लगाया जा सकता है। मेंहदी का प्रयोग भी कर सकते हैं।
🌼 पीला रंग
- एक टीस्पून हल्दी में चार टीस्पून बेसन मिलाकर पीला रंग तैयार कर सकते हो।
- गेंदे या टेसू के फूल की पंखुड़ियों को पानी में उबालकर प्राकृतिक पीला रंग बनाया जा सकता है।
- अनार के छिलकों को रातभर पानी में भिगोकर भी पीला रंग तैयार किया जा सकता है।
- गेंदे के फूल की पत्तियों को मिलाकर पीला रंग बनाया जा सकता है।
- पीला रंग तैयार करने के लिए हल्दी को जौ या मक्के के आटे में मिलाकर भी पेस्ट बना सकते हैं। इसे रंग की तरह इस्तेमाल करें। यह डेड स्किन हटाकर नेचुरल स्क्रब की तरह काम करेगा।
- हल्दी को आरारोट या चावल के पाउडर में भी मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
🌞 केसरिया रंग :
- केसरिया बनाने के लिए गेंदे के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा 100 ग्राम पलाश के सूखे फूल को एक बाल्टी पानी में उबाल कर या वैसे ही भिगो कर रात भर रखें। सवेरे इसे छान लें। बाल्टी भर गाढ़ा केसरिया रंग तैयार है। इसे ऐसे ही या पतला करके प्रयोग किया जा सकता है।
- अगर सूखे रंग से होली खेलना हो तो चावल के आटे में फूड कलर मिला लीजिए और इसमें दो छोटा चम्मच पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे सूखने के लिए छोड़ दें और फिर इसे मिक्सर में पीस लीजिए, इससे यह पाउडर बन जाएगा और इससे होली खेलें।
🦄गहरा गुलाबी रंग (मैजेंटा):
- मैजेंटा रंग बनाने के लिए चुकंदर के कुछ टुकड़ों को एक कप पानी में उबाल लीजिए और फिर अगले दिन पानी मे मिला कर इससे होली खेलें।
🍂भूरा रंग:
- आमतौर पर कत्था पान खाने में प्रयोग किया जाता है। लेकिन कत्थे में पानी मिलाकर गीला भूरा रंग तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा चायपत्ती का पानी भी भूरा रंग देता है।
तो दोस्तों इस बार की होली को घर पर आसानी से अपने हाथों से बनाए गये रंगों से जम कर धूमधाम से मनाएं।अगर आप घर में रंग नहीं बना सकते हैं तो कोई बात नहीं बाजार में प्राकृतिक रंग आसानी से मिल जाते हैं। लेकिन केमिकलयुक्त रंगों का प्रयोग न करें जो आसानी से शरीर से छूटते नहीं हैं और त्वैचा को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। होली का असली मजा तभी है जब बनावटी और नुकसानदायक रंगों का प्रयोग न करके सूखे, प्राकृतिक और इको फेंडली रंगों से होली खेला जाए।
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