श्री राधा रानी की पवित्र आरती : आरती वृषभानु लली की कीजै




भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि जन्माष्टमी से ठीक 15 दिन बाद राधा रानी का जन्म हुआ था। इस बार राधा अष्टमी का व्रत 4 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन राधा रानी की आरती कर आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। राधी रानी की आरती करने से व्यक्ति को धन धान्य की भी कोई कमी नहीं होती है। तो आइए पढ़ते हैं राधा रानी की आरती।

श्री वृषभानुसुता : श्री राधा आरती | Shri Radha Ji: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki




॥ आरती श्री वृषभानु लली की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि ।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानु लली की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानु लली की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

संतत सेव्य सत मुनि जनकी, आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी, अति अमूल्य सम्पति समता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानु लली की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि, चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।
जगजननि जग दुखनिवारिणि, आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानु लली की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

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