प्रारंभ की कथा-मित्रभेद-पंचतंत्र | Mitrabhed Prarambh Ki Katha Panchtantra
[ads id=”ads1″] महिलारोप्य नाम के नगर में वर्धमान नाम का एक वणिक्-पुत्र रहता था । उसने धर्मयुक्त रीति से व्यापार
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Read More[ads id=”ads1″] दक्षिण के किसी जनपद में एक नगर था “महिलारोप्य”। वहाँ का राजा अमरशक्ति बड़ा ही पराक्रमी तथा उदार
Read More[ads id=”ads1″] संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है। इस ग्रंथ के रचयिता पं. विष्णु शर्मा है।
Read Moreभारत के राष्ट्रपति के सूची में पहला नाम डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का आता है। जो भारतीय संविधान के आर्किटेक्ट और
Read Moreआचार्य चाणक्य जो कि विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध हैं। वे एक महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनेता थे
Read Moreएक बार फारस के राजा ने अकबर (Akbar) को एक अजीब सा पत्र भेजा। इस पत्र में उसने अकबर (Akbar)
Read Moreएक समय मशहूर फतेहपुर सीकरी शहर में एक अमीर तेल का व्यापारी रहता था । उसने अपनी पत्नी को खुश
Read More[ads id=”ads1″] सम्राट का कर्तव्य पृथ्वी पर भगवान की छाया के रूप में काम करते हुए अपने राज्य में शांति
Read Moreफारस का राजा और बादशाह अकबर (Akbar) बहुत अच्छे दोस्त थे। वे दोनों एक दूसरे को पहेलियां व चुटकुले भेजा
Read Moreबादशाह अकबर(Akbar) को विद्वान् और प्रतिभाशाली पुरुषों को अपने दरबार में रखने का बहुत शौक था।जब भी कोई प्रतिभाशाली व्यक्ति उसके
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