कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ | Bhojpuri idiom and meaning : दुसरका भाग
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आखिर ह का मुहावरा ?, भोजपुरी मुहावरा :-
भोजपुरी मुहावरा और अर्थ | Idioms in Bhojpuri with meaning :-
भोजपुरी मुहावरा | अर्थ | |
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आन्हा थोपी खेलावल | :- | परेशान करना, एक प्रकार का खेल भी |
ओल पर माटी चढ़ावल | :- | समय बर्बाद करना |
इ कढ़ावेली त उ घोंटावेली | :- | हाँ में हाँ मिलाना |
इमीली घोंटावल | :- | कन्या विवाह के समय मामा द्वारा किया जाने वाला एक रस्म |
उच्च लिलार | :- | भाग्यशाली |
उदबेग लगावल | :- | परेशान करना / बेचैन करना |
उमिर छलकल | :- | जवानी चढ़ना |
ऊँच सुनल | :- | कम सुनना |
ए कोठी के धान ओ कोठी कइल | :- | व्यर्थ का काम, समय बर्बाद करना |
एक बोलावे चौदह धावे | :- | काम करने वालों की कमी नहीं होना |
एक हाथ के जीभ बढ़ावल | :- | ज्यादे लालच करना |
एके लाठी से सबके हाँकल | :- | सबको एक ही जैसा समझना |
एगो में दू गो जोरल | :- | बात को बढ़ाना |
एड़ी अलगावल | :- | बराबरी करना |
ओझाई कइल | :- | किसी समस्या के समाधान हेतु कोशिश |
ओठ खुलल | :- | विस्मय |
ओठ चाटल | :- | प्यास लगना, मुँह में पानी आना |
ओठ दबावल | :- | गुस्सा |
ओठ निकलल | :- | निराशा |
ओठ पर फेंफरी | :- | उदासी |
ओठ सटल | :- | खामोशी, भूख-प्यास लगना |
कंठी टूटल | :- | संकल्प टूटना |
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पहिलका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : दुसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : तिसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : चउथा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पांचवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : छठवां दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव :सातवां दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव :आठवां दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव :नउवां दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव :दसवां दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव :ग्यारहवां दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : बारहवां दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : पहिला भाग
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : तिसरका भाग
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : चउथा भाग
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : पांचवा भाग
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : छठवाँ भाग
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : सातवाँ भाग
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : आठवाँ भाग
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : नउवां भाग
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कइसे भोजपुरी सिखल जाव : भोजपुरी मुहावरा और अर्थ : तेरहवां भाग